हो रहा छणिक है,
भय साथ ही साहस भी,
जीत लूं मैं लंका दोनों,
राम बन मैं, रावण भी।-
युद्ध एक भीतर है,
हो रहा एक बाहर भी,
जीत लूं मैं युद्ध दोनों,
अंदर एक विभीषण, एक बाहर भी।-
वक्त ऐसा भी एक था,
चालाकियां नहीं थी मुझमें,
लोगों ने मुझसे मेरी मासूमियत छीन ली... 😀-
सच बोलना सभी के वस में नहीं है।
क्योंकि सच कड़वा, दर्द देने वाला
तथा
शांति भंग करने वाला होता है।
वहीं दूसरी तरफ झूठ बहुत ही मीठा तथा सरल होता है।-
When you sleep, someone is preparing to beat you.
So, wake up and fight back. 😀
© The Brokencap Coaching Institute-
दर्द बहुत है,
पर मैंने किसी से कहा नहीं...
मैं जैसा था,
लोग कहते हैं, अब वैसा रहा नहीं... 🙃-
मैं अंधेरों में चिराग ले निकला था,
पत्थरों के शहर - हांथ में कांच ले निकला था।-
यह दुनिया है साहेब,
यहाँ मिट्टी में मिलाने के लिए,
लोग कन्धों पर उठा लेते हैं!!!
🌺🌼🌸-
मेरी मौत पर इतना काम करना,
अपने आंखों के 2 आंसू मेरे नाम करना... 😊-
मौत का मौसम है,
क्यों न खुल के जी लिया जाए,
आज उनकी बारी थी,
क्या पता कल अपनी भी बारी आए... 🙃-