जन्मदिवस शुभ मंगलमय हो
धन धन भाग्य तुम्हारे हो
हो प्रत्येक इच्छा का पारण
सब सुख तुमको प्यारे हो
ज्यों चमके ये नभ के तारे
ऐसे कार्य तुम्हारे हो
है राधे से कुश की प्रार्थना
हर कष्ट का नष्ट तुम्हारे हो-
मैनें बहुत जगह ये सोच कर सब्र किया है,
होता हैं...चलता है...अरे ये तो दुनिया हैं...!!
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आज बहुत गौर किया तो पता चला
मेरी जिंदगी का सबसे अच्छा समय था
फरवरी 2012 से लेकर जून 2017,
इसके बाद सब 🤐
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"गिरा जहाँ पर खून वहाँ का पत्थर पत्थर जिन्दा है,
जिस्म नही है मगर नाम का अक्षर अक्षर जिन्दा है।"
वंदन है महाराणा-
चोरी चोरी हमसे तुम आकर मिले थे जिस जगह
मुद्दते गुजरी पर अब तक वो ठिकाना याद है-
जो दिख रहा है सामने वो दृश्य मात्र है,
लिखी रखी है पटकथा, मनुष्य पात्र है.
नये नियम समय के हैं~ असत्य; सत्य है,
भरा पड़ा है छल से जो वही सुपात्र है.
विचारशील मुग्ध है 'कथित प्रसिद्धि' पर,
विचित्र है समय विवेक शून्य मात्र है.
है साम-दाम-दंड-भेद का नया चलन,
कि जो यहाँ सुपात्र है, वही कुपात्र है.
घिरा हुआ है पार्थ पुत्र चक्रव्यूह में,
असत्य सात और सत्य एक मात्र है.
शिप्रा पाठक की वाल से-
जन्मदिवस शुभ मंगलमय हो,
धन धन भाग्य तुम्हारे हो।
ज्यों चमके ये नभ के तारे ,
ऐसे कार्य तुम्हारे हो ।।
हो प्रत्येक इच्छा का पारण,
सब सुख तुमको प्यारे हो।
है राधे से "निधेश" की प्रार्थना,
हर कष्ट का नष्ट तुम्हारे हो।।
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दीपावली पंच महोत्सव के इस पावन पर्व पर आपका विजयपथ दीपों से प्रकाशमय हो और जीवन में नवीन ऊर्जा का संचार हो.....
दीपावली की हृदयतल से अनंत शुभकामनाएं।-