इश्क़ की बीमारी है, दवा तेरी यारी है,
तू छोड़ तीर-ए-नज़र, मेरी मरने की तैयारी है।-
पारब्रह्म परमेश्वर, तुम सब के स्वामी,
ॐ जय जगदीश हरे।।
छोटी सी मुस्कान के पीछे कुछ छुपा नही पाओगे,
तुम्हारी शक्ल पर उदासी के नक्शे कुरेदे जा चुके हैं।-
घूमते भटकते आवारगी में कई बार
मैं प्रेंम करने वालों से टकराया हूँ,
लेकिन मसला हमेशा यह रहा कि मेरे पास
किसी को देने के लिए प्रेंम था ही नही।-
जा चुके हैं वो.. और ना लौटने का वादा कर गए,
खुद को आधा छोड़ गए या मुझको आधा कर गए।-
मेरे अंदर मैं मरता रहा.. जीती रहीं तेरी यादें,
मुझे ही खाती रहीं.. पोषित होती रहीं तेरी यादें।-
प्रेमी होना... शायर होने से ज्यादा बड़ी उपलब्धि है,
शायर के शब्दों से ज्यादा गहरा प्रेमी का मौन होता है।-
तुमने नदियों के समंदर का हो जाने को प्रेम कहा,
मैं नदियों के मरुस्थल में खो जाने को प्रेम कहता हूँ।-
तुम्हारी उंगलियाँ कलम सी है जो लिखती है रोज़ कुछ लम्हे मेरी ज़िंदगी मे। उन उंगलियों से अपनी हथेली पर एक तारा बनाना चाहता हूँ, फिर जब कभी भी अंधेरा महसूस करूं तो वह तारा चमक उठे और रोशनी सी बिखेर दे मेरी ज़िंदगी मे। पता है, जब भी रेंगती है तुम्हारी उंगलियाँ मेरी उंगलियों के बीच, हर्फ उग आते हैं तुम्हारे ही नाम के, पोर पोर पे मेरी उंगलियों के। अबके मिलना न, तो अपनी उंगलियों से मेरे बदन पर लिख देना वो एक 'लफ्ज़', मैं सूफी हो जाऊंगा फिर। प्रेम की पराकाष्ठा मुक्ति ही तो है।
-
लफ्ज...अल्फाज...कागज़ और किताब,
कहाँ-कहाँ रखा हमने, यादों का हिसाब।-