तेरे इश्क़ की भिगी भिगी याद ही मुझे जीने का बहाना दे जाएगी...सुना हैं मुझे तू और तुझे कोई और रास आने लगा हैं।😒
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Kunwar Devi Singh Inda
(अबोध😊)
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Mechanical engineer ( कृपया मेरे लेखन को व्यक्तिगत जीवन से न जोड़ें... सभी तथ्य कल्पनात्मक ... read more
Joined 5 July 2017
29 JUL 2017 AT 8:09
12 FEB 2021 AT 9:36
किसी की उन्नति या उसकी धन सम्पदा को देख ईर्ष्या नहीं करनी चाहिए , शास्त्रों में पराया धन मल के सदृश बताया है ।
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13 JUL 2019 AT 7:09
आजकल पहनावे पर टिका इश्क जो होता हैं साहब! हुलिया क्या बदला फरेब ही उतर चला।
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9 MAY 2019 AT 13:36
शारिरिक अनुभूति, बाहरी वैभव इत्यादि के आधार पर बने रिश्ते सिर्फ छंद काल तक सीमित होते हैं ।
आत्मा से जुड़े रिश्ते ,देश काल एंव परिस्थिति से भी परे सदा प्रफुल्लित रहते हैं-
7 MAY 2019 AT 4:52
बड़ी अजीब दुनिया हैं ग़ालिब!
उन्हें अपना के भी,अपना ना सके l-
6 MAY 2019 AT 20:40
यह इश्क हैं साहब!
आजकल तो हवाओं की तरह बहता भी हैं,
और बदलता भी।-
3 MAY 2019 AT 8:18
जब भी उदास होता हुँ,
रो लेता हूँ होठों की दिखावटी हसि के बहाने..
यकीनन दुनिया आज भी मुझे खुशमिज़ाज कहती हैं।-
2 MAY 2019 AT 22:16
मन करता है ,माँग लू कुछ मन्नतें खुदा से,
पर रूह रुक जाती हैं यह कहते,
"क्या जो मिला उसके तू यकीनन लायक था?"
(रब-दा-शुकराना)-