जमीं पर लेटे हुए
ख़्वाबों के अंबर में झाँकता हूँ,
जो मुनासिब लगे वही देना बाबा
मेरा क्या है मैं तो कुछ भी माँगता हूँ।-
लोग बोल रहे है कि साल बदल रहा है
क्या सचमुच साल बदल रहा है ?
न तो हाल बदल रहा है, न चाल बदल रहा है
न तो लालचरूपी इंसान का ख्याल बदल रहा है
और लोग बोल रहे है कि साल बदल रहा है
आज भी शिक्षा के मंडियों में लगती है बोली,
तो किसी को इलाज मात्र के लिए फैलानी पड़ती है झोली,
क्योंकि, अफसर अपने चरम पर है, नेताजी अपने करम पर है
और इतने बड़े देश की राजनीति सिर्फ धरम पर है
मतलब इस तिरंगे वाले देश मे न तो हरा बदल रहा है न लाल बदल रहा है
और लोग बोल रहे है कि साल बदल रहा है
अगर सही में बदलना है तो लीजिये संकल्प
खुद के लिए और देश के लिए तलाशिए विकल्प!-
एक मशविरा उनको
जो हद से ज्यादा अपने होने का हक जताते हैं,
ज़रा सम्भलकर किया कीजिए मेरी बुराई
क्योंकि जिनसे आप कहतें है वो आकर हमें हीं बताते हैं।-
किस्मत है कि कांड पर कांड कर रही है,
वो हमसे झुमके का डिमांड कर रही है!
हमारे मना करने पर मुँह फूला कर वापस आयी है,
अगले महीने खरीदने का बयाना कर के आयी है!
अब दुकानदार कॉल कर के झुमके की खूबी बता रहा है,
और मुझे दोनों के सामने बस हाँ में हाँ मिलाना पड़ रहा है।-
बिहार की लड़कियां मौत से नहीं डरती
ये बात पूरी तरह सच्ची है,
तभी तो आज देख लीजिए
ज़हीर के साथ मुस्कुरा रही सोनाक्षी है,
भारतीय पुलिस से आग्रह है कि थोड़ा जाँच पड़ताल बढ़वा दीजिए
और घर में से सूटकेस और फ्रिज दोनों को हटवा दीजिए।-
मध्यप्रदेश सी चाहत, उत्तर प्रदेश सी वेबफाई
या बिहार जैसा संस्कार बनों,
ये मोदी, ये शाह, ये गाँधी, ये केजरीवाल
सब के सब दिखावा है,
बनना हीं है तो नीतीश कुमार बनों।-
तुम हरियाली हरे रंग की
मैं नीले गमछे का भक्त प्रिय,
तुम लालटेन की चमक चाँदनी,
मैं हाथी मदमस्त प्रिय!-
अब कैसे समझाएं तुम्हें की
इस दुनिया-दारी से मेरा क्या सम्बन्ध है,
सुनों!
ये अकड़ अपने पास रखो मेरी जान,,,,,
इसी अकड़ के चक्कर में
आधे खानदान से बोलचाल बन्द है।-
गजब का तमाशा दिख रहा है बिहार में,
नारी सशक्तिकरण कुछ ज्यादा ही कर दिया सरकार ने,
मम्मियां खड़ा थी परीक्षा देने के लिए कतार में
और पापा नज़र आ रहें थें मम्मी के अवतार में।
#BPSC-TRE-2.0-