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गम का ये काफिला नही होता
तू जो मुझसे मिला नही होता
कुछ तो बातें जो दिल को चुभती हैं
यू कोई भी खफा नहीं होता
गम की राहों पे चलता जाता हूँ
और खत्म ये सिलसिला नहीं होता
बाप की पगड़ी उसके माथे थी
वरना वो बेवफ़ा नहीं होता
गम का ये काफिला नही होता-
ऐ कलम मेरी प्रेम कहानी लिखो
कैसे बर्वाद हुई ये जवानी लिखो
कतरा कतरा को लूटा है उसने मुझे
उसके आंखों की चंचल शैतानी लिखो
ऐ कलम उसकी अल्हड़ नादानी लिखो
और मोहब्बत में उसकी मनमानी लिखो
अपनी मर्जी की मालिक रही वो सदा
आज आंखों में क्यूं उसके पानी लिखो
ऐ कलम उसकी चुनर को धानी लिखो
बहती दरिया का तुम फिर रवानी लिखो
इश्क़ को कहते हैं सब रोग यहां
फिर दुनियां क्यूं इसकी दीवानी लिखो-
The ever lost person
I needed back
Was me.
Getting myself back-
वो मेरी नही है ये उसने इशारा कर दिया
हमने भी उनके बगैर गुजारा कर लिया
इतना तड़पे, रोये है उसकी याद में क्रांति
देखो न हमने समंदर भी खारा कर दिया— % &-
वीरानियाँ अपने सन्नाटे पर यूं गुमान ना कर
क्रांति जहां होता है, सारा जहां होता है-
दिल लिया, रूह लिया अब जान लोगी क्या
खुदा ने हुस्न दे दिया है तो ईमान लोगी क्या
मैने अपना माना तबसे,जो पहली बार देखा था
मैं भी तेरा हूँ सनम ये तुम भी मान लोगी क्या
तूफान भरा है जीवन मे, साहिल का भी पता नही
मेरे जीवन की पतवार को तुम थाम लोगी क्या
तुम्ही से है सांसे, तुम्ही से मेरी धड़कन है
मुझे भूलकर मेरी मौत का इल्जाम लोगी क्या
जब रूठ कर छुप जाऊंगा कब्रो के दरमियाँ
इतनी मुहब्बत है मुझसे तो पहचान लोगी क्या
खुदा ने हुस्न दे दिया है तो ईमान लोगी क्या-
दिल लिया, रूह लिया अब जान लोगी क्या
खुदा ने हुस्न दे दिया है तो ईमान लोगी क्या
मैने अपना माना तबसे,जो पहली बार देखा था
मैं भी तेरा हूँ सनम ये तुम भी मान लोगी क्या
तूफान भरा है जीवन मे, साहिल का भी पता नही
मेरे जीवन की पतवार को तुम थाम लोगी क्या
तुम्ही से है सांसे, तुम्ही से मेरी धड़कन है
मुझे भूलकर मेरी मौत का इल्जाम लोगी क्या
जब रूठ कर छुप जाऊंगा कब्रो के दरमियाँ
इतनी मुहब्बत है मुझसे तो पहचान लोगी क्या
खुदा ने हुस्न दे दिया है तो ईमान लोगी क्या-
वो मुझे कहता है कमाल का महबूब है मेरा
कोई बताओ उसे, मोहब्बत करना हमने हीं ने सिखाया है उसको-