कुछ लोगों से बहस में हारकर भी,
मुझे बुरा नहीं लगता है.
इसकी वजह है कि,
मुझे कोई फ़र्क नहीं पड़ता,
और इससे मेरा काफी वक्त बचता है..
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कुछ लोग कहते हैं कि,
मैं ज्यादा बात नहीं करता.
अब क्या बताऊं,
बातें तो बहुत करता था मैं,
मगर जिससे करता था,
अब वो भाई नहीं रहा मेरे पास.-
मैं वहां जाकर भी,
मांग लूं तुझे,
कोई बताए तो सही,
आखिर कुदरत के फैसले,
होते कहां पर है??
(मेरे भाई)
🥲❤️-
मैं ज्यादातर इसलिए भी,
नहीं टिक पाता रिश्तों की किताब में.
क्योंकि हर कोई पन्ने पलटता है कुछ,
ठीक होने की आस में,
और मैं किताब में
ही आग लगा देता हूं..-
मुझे वहां से पढ़िए,
जहां से खामोश रहता हूं मैं.
ये हंसना-हंसाना मेरे लिए,
कोई नई बात नहीं है..-
मैं अगर चाहूं भी तो,
कभी लिख नहीं पाऊंगा,
वो लफ़्ज़ जो बता सके,
कि तू कितना खास है मेरे लिए..
(मेरे भाई.)
🥲❤️-
दिन-रात तेरी,
बातें याद करना,
और तेरी यादों का,
दिल-दिमाग में रहना
मुझे कमजोर बना रहा है,
या फिर मजबूत,
बस यही सवाल
मैं खुद से हर दिन करता हूं..
(मेरे भाई)
🥲❤️
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उदास रहती है मेरी,
हर एक शाम आजकल..
मैं कैसे बताऊं कि तेरे बिना,
कितना अधूरा और अकेला हूं मैं..
(मेरे भाई.)
🥲❤️-
आसान नहीं होता,
ज़िंदगी को रफू करना..
बहुत तकलीफ देता है,
सब शुरुआत से शुरू करना..-
मैं अगर जीत भी जाऊँ ज़िंदगी में,
तो खुश नहीं हो सकता,
वो शख्स ही नहीं है अब मेरे पास,
मैं जिसके लिए जीतना चाहता था..
(मेरा भाई)
🥲❤️
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