सुना तुम हमारा दिल संभालने आए हो
पहले यह बताओ कितने तूफान देख कर आए हो,
बहुत कुछ होता है पीट पीछे मेरे,
ज़रा सामने आकर बताओ कौन सा खंजर कौन सी धार लेकर आए हो,
दिन रात तराशते रहे जिनके लिए हम खुद को,
अब कहते है तुम तो अब बदले बदले से आए हो,
साखी बना चाहते हूं मैं जिंदगी भर के लिए तुम्हारा,
बेधड़क हर जाम के साथ जिक्र करो,
वो सारे गम जो दुनिया से छिपाते आए हो,
बड़ी देर से कर रहे हो गुफ्तगू तुम साथ हमारे,
ए भटके मुसाफिर तुम अब जाकर सही ठिकाने पर आए हो...-
Shor sab sunte h, aahto Ko samet... read more
दिल से दोस्ती करने का जरिया मैं ढूंढ लाया हूं,
एक रंगीन बक्से में मोहब्बत का दरिया भर ले लाया हूं
नहीं पता मुझे जिंदगी में क्या है ख्वाइश तेरी पाने की
पसंद आ जाए कोशिश मेरी ऐसी मैं मुराद मांग लाया हूं
होता कोई ख्वाब पता तेरा तो वो ही ले आता, मगर फिक्र न कर
जो लाया हूं वह किसी ख्वाब से कम भी नहीं लाया हूं,
यूं तो कई नजारे है निगाहों में कैद करने लायक...
मगर तोहफा पाकर तेरी आंखों की चमक देखने आया हूं....
ए शहर तू जाग जा तुझे एक बात बतानी है...
सुबह तक ज़हन में जश्न रहेगा,
की एक दोस्त के चेहरे पर मुस्कान देख आया हूं...-
बुरे वक्त में हि हुनर की "आजमाइश" होती है,
बुरे वक्त से हि हुनर की "पैदाइश" होती है,
कितनी तपी है तलवार, धार पाने से पहले,
मयान छोड़कर हि इस बात से "अवगत" होती है...-
सितारों को छुने वाला, एक दिन खुद सितारा बन जायेगा,
मिट न सके कभी, पीछे अपनी ऐसी रोशनी छोड़ जायेगा...-
ख्वाहिशें पूरी हो जाए, तो ख्वाहिशें नही रहती...
बारिश जमीन से मिलकर बारिशें नही रहती...
मंजिल मिल जाने पर सफर, सफर नही रहता...
होंगे कई जरिए बहालने के इस जमाने में, मगर ए दोस्त
तू मिल जाए तो यह तन्हा दिल, तन्हा नही रहता...-
चंद घड़ियां उधार लेकर, कुछ लम्हे गिरवी छोड़ गया,
एक शख्स, इस दिल को यादों का साहूकार कर गया...-
एक उम्र जो बीती, किसी का हो जाने में,
असल में महज़ वो दिन थे सिर्फ चार...
एक उम्र बीत रही है, बिना किसी के,
गौर किया तो वो भी दिन थे सिर्फ चार....-
दिल ए नादान को बहलाना आज भी जारी है,
कम्बख्त धड़कना छोड़ दे, यह तो अब होने से रहा...
ख्वाबों से समझोता भी बदस्तूर जारी है,
तुम याद न आओ, ऐसा भी अब होने से रहा...-
खड़ी जो दिवार तुम करते हो,
गिरानी भी तुमको पड़ेगी,
दौर ए मशरूफियत चल रहा है सभी का,
फिक्र तुम्हे है, तो पुकार भी तुमको ही लगानी पड़ेगी...-
झुलसती धूप के बाद ही तो, बारिशे सुकून ए सुहानी लगती है,
रिश्तों का एक सार है मेरे दोस्त,
वादे निभाने के लिए कभी कभी दूरियां भी निभानी पड़ती है,-