Anxiety मेरी औरत है
Depression मेरा साला है
मैं इन बच्चों का पापा हूं
बचपन से गमों को पाला है
सोसायटी मेरी पागल पन
घर मेरा पागल खाना है
तुम मुझ को देख अभी हँसते हो
कल तुमको इस घर आना है-
थी जीती बाज़ी वही जो हारे, वो चक्रव्यूह में फसा लिया था
लगाई तिग्ड़म सफल थी लेकिन, मैं इश्क़ में चाल चल न पाया
इसी में जीवन सिमट रहा है, कि प्यार किश्तों में बट रहा है
नहीं मुहब्बत हो पाई साबुत, कहां कहां दिल न आज़ माया
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वो जिन को काफिर कहे है दुनिया,वो जिन से जिंदा हैं ऐब सारे
हमें भी उन में से एक जानो, कि सर न जिन ने कभी झुकाया-
मुझे नहीं तेरी जुस्तुजू अब, नहीं रही कोइ आरज़ू अब
मिरी बला से मरो या जी लो, लो हाथ वापिस तुम्हें थमाया-
मैं आज तक सोचता हूं की मैं, तिरा कभी भी हो क्यों न पाया
नहीं वफा या नहीं मुहब्बत, कमी थी किस की समझ न आया
वही थी बातें नहीं कही जो, वही जो कह नी कभी नहीं थी
मैं चुप था अपना समझ के उस को,उसे मैं लगता रहा पराया-
लो कह देता हूं जो अब तक सुना नई
यूं कहने को मेरी जां कुछ नया नई
हां तुमको देख कर जी लेता हूं अब
यूं मरने की वजहें क्या क्या नई
ये दुनिया ये खुदा ये दिल ये सांसे
तेरे होने से हैं तेरे सिवा नई
गवारा था नहीं हम गैर के हो
मगर तूने कभी अपना कहा नई
ये दिल बर्बाद न होता अगर ये
तेरे जैसों पे जो आता ज़रा नई
मैं अब तो झूठ भी कह देता हूं की
मैं शीशा हूं मगर मैं आइना नई
मैं तुझ को रोक लूं पर बात ये है
परिंदे मैं *शजर हूं पिंजरा नई
* Tree-
Mohabbat ek shauk hai koi majboori thodi hai
Sabko ye shauk ho zaroori thodi hai
मोहब्बत एक शौक है कोई मजबूरी थोड़ी है
और सबको ये शौक हो जरूरी थोड़ी है-