अपने कष्ट को छुपाते छुपाते
पनाह नहीं मिला कहीं हमें
आंसु गिरवी रखने का भी-
मंजिल तक पहुंचने के हर द्वार खुलेंगे,
विश्वास रख रास्ते बनेंगे
कांटे बिखरे हैं तो क्या,
कहीं तो फूल खिलेंगे
राह पथरिले है तो क्या
कहीं तो मार्ग मिलेंगे
विश्वास रख रास्ते खुलेंगे-
And will not easy for me
To tolerate wrong
And letting someone
snatching my rights from me-
मुझे कांटों से नहीं
गुलाबों से हमदर्दी है,
कांटे तो फिर भी हौसला अफजाई रखते
पर गुलाब टुठ के कुचल दिए जाते है-
दुनिया मोह के पिछे भागती ,
प्रेम के नहीं,
क्योंकि प्रेम दो जिस्म एक जान होता
और हमेशा बंधनों में बांधा होता-
कल अकेले नहीं थे हम ,
साथ मेरे मां बाप का साया था,
अपना अपना था पराया पराया था,
आज अकेले हम खड़े
अब भी सर पे मेरे मां बाप का साया है
पर
कोई अपना है जो पराया है
-
ज़िन्दगी को बड़े गौर से मैंने देखा है,
भले असफल है हर मोड़ पे,
भले न गिरे हम किसी दल दल में,
पता सब हमें इस मेहफिल का।
कौन अपना कौन पराया
कितने पानी में है कौन,
दुनिया कि इस समुद्र को भी,
नाप लिया गहराई बिना रखें क़दम।
ज़िन्दगी को बड़े गौर से देखा मैंने
शायद बेवकूफ़ कहती जमाना हमें
देती धोखा हर घड़ी
किसके दिल में कितने रहते
और कौन करता इस्तमाल मेरा
हमें सब पता है जनाब
फिर भी रहते चुप
क्योंकि ज़िन्दगी को बड़े गौर से देखा मैंने
-
असल में यह होती नहीं कुछ
बस झूठ का एक सपना है
मोहब्बत बस ख्वाब में ही अपना है
मोहब्बत कि समुद्र में न कभी तुम उतरना
यह वहम हमारे दिल है
कि मोहब्बत सच में होता है-