Kumar Vinod  
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Joined 8 March 2019


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Joined 8 March 2019
1 JUN AT 11:27

निकला मैं मोहब्बत की तलाश में,
मगर फ़िर मैं वहां गुमशुदा निकला।
कल मिली इक लड़की महफ़िल में,
मगर अफ़सोस नाम सुधा निकला।

इतिहास गवाह है इस बात का दोस्तों,
S नाम से कब रिश्ता तयशुदा निकला।
जाता रहा हूं बड़ी उम्मीद से फ़िर भी मैं,
मगर हर बार की तरह ग़मज़दा निकला।

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21 APR AT 15:49

मेरा गला काट कर बैठे हैं वो,
जो हिचकियों पे पानी पिलाया करते थे।

अब सरहदें बांट कर बैठे हैं वो,
जो सिसकियों पे गोद सुलाया करते थे।

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16 APR AT 8:43

है जुग्नुओ की ख्वाहिश,
सूरज सलामी देने आए।

बदसलूकी के लिए फिर,
उसे रकम ईनामी देने आए।

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17 FEB AT 8:29

किया मैंने इतना इंतेज़ार उसका,
कि मैं दिलजला आशिक़ हो गया।

फिर हर इक पे दिल आया मेरा,
और मैं दिलफेंक माफ़िक हो गया।

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16 FEB AT 23:23

रात भर ख्वाबों का बोझ ढोते हैं,
हम कहां यार अब चैन से सोते हैं।

दिन दफ्तर के दर्द में गुजरता है,
शाम को हम तो शायर से होते हैं।

साकी से लेकर हम आबे ज़मजम,
फिर रात को अपने गले तर होते हैं।

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21 JAN AT 9:15

अभी मोहब्बत में है वो लड़का,
हिज़्र की बातें तो नहीं समझेगा।
इस क़दर दीवाना हो चुका है वो,
रोज़ा रखेगा इफ्तारी नहीं समझेगा।

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24 SEP 2024 AT 9:03

शिकायतें लगा कर मेरी अब वो मुझ ही को रोता है,
कोई बताए उसे कि भला ऐसा थोड़े ही होता है।

मेरा दूर जाना लाज़मी था मयार भी तो कुछ होता है,
पूछो उसे बात नहीं करनी तो status like क्यूं होता है।

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18 SEP 2024 AT 6:30

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7 SEP 2024 AT 11:20

भेजते हैं वो हमें जन्नत की तसवीर,
इक हम हैं जो उसमे भी उसे ही ढूंढते हैं।😞

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7 SEP 2024 AT 11:16

हसरतों पर जिम्मेदारियां भारी पड़ रहीं हैं,
बरकतों पर बे-ईमानियां भारी पड़ रहीं हैं,
लाख कोशिशें थीं सब ठीक करने की मेरी,
किस्मतें उन पर नई कहानियां जड़ रहीं हैं l

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