झूठ नहीं बोलूंगा आज तुमसे,
हां है मोहब्बत तुमसे, बेशुमार - बेइंतहा
फिकर भी है तेरी, बेशुमार - बेइंतहा
हर ख़बर है तेरी,
इंतज़ार भी है तेरा, बेशुमार - बेइंतहा ।
चश्म-बरह हूं, मौन हूं
तेज़ हूं घर की ओर, ज़ोर पूरी है।
इम्कान है क्या, तुम आओगी?
या बस बहाने बनाओगी?
वुजूब है, तुमको आना ही होगा
बारिश आ रही है,
थोड़ा गीला इश्क़ साथ लाना ही होगा,
शर्म कैसी मुझसे ?
कोई गिला शिकवा भी है क्या?
मुहाल को आसां करो, ये बताना ही होगा।
हम इश्क़ में हैं, ये कोई छोटी बात नहीं
अभी आ जाओ, ये तो आधी रात नहीं
क्या है, कैसा है बैठ के गुफ्तगू कर लेंगे
क्या तुमको अब खुद पर भी इख़तियार नहीं?
बाज़ार से कुछ समोसे लाया हूं,
तुम आओगी इस भरोसे लाया हूं,
चली जाना लेके इसे इतना ही समय देदो,
सब खैरियत है इतना संदेश भेजो,
आओ भी ज़वाल हो चला है,
कदम इधर फेंको, मुझपर सवाल हो चला है
कर दो पूरी ये आस भी,
रुक जाए ये थकी आंखें, इतनी सी बात थी।।
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