मुझे एक पल याद हैं,
एक नज़र याद हैं
वो वक़्त याद हैं,
जो पलट कर देखा था
बस वो एक शख्स याद हैं,
हैं कोई अपना सा मगर
उसको याद हो ना हो ,
मुझे उसका पलट कर देखना याद हैं!!!!!
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मैने कह दिया कि 🙏बारिश के बाद अकसर मौसम सुह... read more
एक दल-दल सा दरिया समेटे हुए,
सारी खुशियों को दिखा कर तकलीफ को समेटे हुए।
एक छोटी सी मुस्कान के साथ,
दर्द के समंदर को पीते हुए।
मिट्टी के दीये सा अंधेरों में जलता रहा,
अपनों के लिए खुद को ही पालता रहा।
सपनों के जहां में ज़ख्म छुपाए हुए,
हर तूफान का बोझ उठाते हुए, सबको बचा के समेटे हुए।
हर मोड़ पर एक नई चाह लाई,
ज़िंदगी ने फिर एक नई राह दिखाई।
चुपचाप अपनी कहानी लिखते हुए,
अपने सपने गुमनामी में समेटे हुए।-
सोचते सोचते कही वक्त ना निकल जाए,
दिल के अरमान कहीं धुंधला ना पड़ जाए।
ज़िंदगी के सफर में कुछ तो पल जी लो,
वरना खुशी का रुख भी ना बदल जाए।
सपनों के पीछे यूँ ना भटक जाओ,
जो हाथ में है, उसे ना गवां जाओ।
कल का इंतजार करते करते,
आज का नूर कहीं छुप ना जाए।
छोटी सी ज़िंदगी है, मुस्कुरा के जी लो,
हर लम्हा अपने रंग में रंग दो।
सोचते सोचते जो रह गया अधूरा,
वही कहानी किसी दिन अफसाना ना बन जाए!
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मौत तो मुकम्मल हैं
एक न एक दिन तो आनी हैं,
ज़िन्दगी तो रंगीन है
फीकी तो पड ही जानी है,
अपने, पराए, प्यार, यार, दुश्मन, दोस्त...
सब रूठ जाते है
सब छूट जाते है,
सब जंग जीत कर भी
तो हार ही जाते हैं!!!-
एक भीड़ थी प्रतिद्वंद्वियों की
एक टुकड़ा था अपनो की,
एक तरफ थी टोली भीड़ों की
एक और थी छोटी सी टुकड़ी,
एक युद्ध था हर दिल मे
बस आश थी अपनो में,
वीरो के पग कांप रहे थे
पर चेहरे पे मुश्कान लिए लड़ रहे थे,
राश न आई टुकड़ों की ये तिक्रम,
दुश्मन रह गए बस टक टकी लगाए,
हार गई टोली भीड़ों की बस इस चिन्तन में
की ये मुशकुराये ही क्यों थे?-
बस एक इम्तिहान हैं
तेरे मेरे दरमियाँ,
वरना
सीखने में देर नहीं लगती हैं!!!
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आज फिर चाहत का इज़हार हुआ,
इस चाँद के नीचे फिर तेरा दीदार हुआ,
इन कोमल हाथों से पत्ती को सहलाकर,
आज फिर प्यार का एहसास हुआ!!!!!-
हम रुकते हैं किसी के लिये,
तो वो आगे निकल जाते है!
देते हैं साथ जिनका,
वो वक़्त पे रंग दिखा जाते है!
कुछ खामिया होती हैं सब मे,
वो उनका गुणगान कर जाते हैं!
जब आती हैं बात ख़ुद की,
तो अपनो को भूल जाते हैं!
जो चल न सके वक़्त के साथ,
वो वक़्त का ज्ञान दे जाते हैं!
और वक़्त पीछा नही छोड़ता हैं,
हम वक़्त को छोड़ जाते हैं!!!!!-
कुछ न कुछ तो रह ही जाता हैं,
कुछ न कुछ तो हर कोई कह ही जाता हैं,
ज़िन्दगी है जी लो,
वरना मरने के बाद कहाँ कुछ रह जाता हैं,
और रहा प्यार तो मरने के बाद हर किसी को हो ही जाता हैं!!!!!-
चाँदनी रात में,चाँद का दीदार हुआ था...
दिल दे कर,आंखों से इज़हार हुआ था...
वो मेरे सामने थी,लब चुप थे,
जैसे सारी बातें आंखों से हुई थी.....
उनको लिए बाहों में, कम्पन थी हमारी राहों में...
पढ़ लिया था उनके चेहरे का नूर,
जो कह रहा था अब न तू जाना मुझसे दूर!!!!!-