न काम की चिंता, न कुछ खोने का डर,
बस सुबह स्कूल जाना, फिर दोपहर को वापिस घर ।
खाना खाना और सो जाना, फिर जल्दी से उठ के खेलने जाना,
और पापा के आने से पहले घर लौट के आना ।
थोड़ी सी पढ़ाई और बाकी टाइम बस यूंही बैठ के दिखाना,
तेज तेज से हंसना और दिल खोल के मुस्कुराना ।
बिना किसी फिकर के फिर चैन की नींद सो जाना, बहुत मुश्किल है अब उस बचपन के सुकून का वापिस से लौट के आना,
और हमारा फिर उसी तरह बेफिक्र हो जाना ।-
आपका आना ही काफी था , ये जो आप मेरी आंखों में देख के मुस्कुरा दी तो क्या बात है ,
अब क्या एक चांद है और एक मोहब्ब्त भरी रात है , ये हमारी पहली मुलाकात है ।-
सुकून पता है क्या है ,
हर रात मेरा आपका हो जाना ,
आपसे बात करके खुलके मुस्कुराना ,
आपकी तसवीर को बस देखते ही जाना ,
और फिर शर्मा के हमे आपसे कितनी मोहब्बत है ये बताना ,
आवाज सुनते ही आपकी मेरे आसूं अ जाना ,
और फिर बाद में हमे आपसे कितना इश्क है ये दोबारा बताना ,
सानिया यूं तो मुश्किल है मोहब्बत कर पाना ,
पर आप हो तो मुझे ये इश्क़ बस है करते ही जाना ,
बस करते ही जाना ।-
जिंदगी सबके साथ नही , अकेले ही जीनी है ,
कोई और चाहिए नही इस कहानी में मुझे ,
क्योंकि ये कहानी सिर्फ मेरी है ।-
अकेला तन्हा सा मैं , बस प्यार ढूंढता फिरता हूं ,
दे दे जो कोई जरा सा , मैं बस वही मिलता हूं ।-
आसमां है वही बस नीचे पहाड़ है ,
शोर शराबे से दूर यही इन वादियों में ही कहीं , बसा मेरा प्यार है ।-
जिन लोगो के साथ सुख देखा उन्ही लोगो के साथ दुख भी देखा ,
वक्त पलटा कुछ यूं ,
कि सोचा था जो आंखें मुस्कुराएंगी हमेशा ,
उन आंखों में आज आसूं के उस कड़ के पीछे छिपे उस गम को भी देखा ।-
सुबह से शाम ,
इन सड़कों पे न जाने कितनी जिंदगिया और कितनी ही कहानियां दौड़ती है ।-
जिंदगी के भी अलग ही उसूल है ,
जिंदगी अगर जीनी है ,
तो कही से निकलना पड़ता है ,
मां के आसूं अपने रूमाल में समेट घर को छोड़ना पड़ता है ।-
तुम्हारे ये खुले बाल और धूप में खिलते तुम्हारे ये गाल ,
ये तिरछी आंखें और ये आठों का रंग गहरा लाल ,
तुम्हें और खूबसूरत बनाता है ,
कि बस देखते ही तुमको जिंदगी में मेरी एक सुकून आ जाता है ।— % &-