सारे फरिश्ते ही मिले मुझे...!
कोई गलती करता ही नहीं मेरे सिवा..!!-
देख, दूर कहां तेरे ही पास हूं..!
मौजूद हैं,
मेरी शायरी मे... read more
उसे पता ही नहीं इंतजार का दुःख...!
मैं कभी उसके पास देर से गया ही नहीं..!!-
फिर यही सोचकर उठा लाया
मैं भी अपना दिल उसकी दहलीज से..!
बेवजह उसकी चौखट पर तड़प रहा था..!!-
सोच,
तुझे सोच रहे हैं,
सोच,
तुझे कितना सोचा था
सोच,
तुझे देख रहे हैं
सोच,
तुझे कितना देखा था
सोच,
तुझे चाह रहे है
सोच,
तुझे कितना चाहा था
तुम्हे इतना सोचा कि
सोच के रोए..!
अब सोचते हैं,
तो सोच के हस्ते हैं,-
वो फिर मुस्कुरा रही है मुझे देखकर मुर्शीद..!
फिर कुछ गहराई तक टूटने वाला है..!!-
देखी एक तेरी तस्वीर तो,
दर्द में भी इजाफा हो गया ..!
अब तुम और याद आने लगे हो..!!-
कुछ खास था,
कुछ पास था..!
कोई दूर था
कोई पास थी..!
किसी के आने की आस थी,
किसी को पाने की प्यास थी..!
फर्क इतना था,
किसी की निगाहों से ही नफरत थी,
किसी की निगाहों से ही मोहब्बत थी..!!-
तुमने भी मुझे दुनिया की नजर से देखा..!
मेरी नजर से देखते, तुमसे ज्यादा हसीं कुछ भी न था..!!-