लिखूंगा:,
एक-एक क्षण,
एक-एक सांस लिखूंगा...
तुम पर किया गया विश्वाश लिखूंगा,
तुम पर लुटाये हुए एहसास लिखूंगा...
तुम्हारी जीत और अपनी हार लिखूंगा,
तकदीर से हुई थी, हमारी तकरार लिखूंगा...
इक बेनाम से रिश्तों का मेल लिखूंगा,
मोहब्बत का नाम दिलों का खेल लिखूंगा...
तुम खुश हो, यह आस लिखूंगा,
खुद को जीता-जागता देवदास लिखूंगा...
आखिर में उदास कहानी का अंत दिखेगा,
जिसमें होगी इक रानी और फिरता एक रंक दिखेगा...
- सौरभ सौन्दर्य
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