विश्वास की शक्ति पाकर
इंसान भक्ति को बल देता है,
विश्वास के बल पर चकोर
चाँद को अपलक देखता है।-
नमस्तेस्तु चित्रगुप्ते, यमपुरी सुरपूजिते।
लेखनी-मसिपात्र, हस्ते... read more
जबान अश्कों की तुम समझ नहीं पाते,
इक दर्द बहता गहरा इनसे इक दौर का है।
बातें दिल की कहूँ भी तो कैसे इशारों में तुमसे,
आंखों में सहरा, पलकों पे आब भी बे-तौर का है।
अल्फ़ाज़ भी तो मुकम्मल कैद हो गए हैं हमारे,
जुबां पे पहरा चाक-चौबंद अब किसी और का है।-
क्या उन आँखों में चमकता मैं आज भी हूँ,
या उनसे बरसता हुआ अब बरसात हूँ मैं?
बदला भोर, सांझ भी बदली,
क्या अब भी वही रात हूँ मैं,?
तुम्हारे लिए मैं आज भी सबसे पहले हूँ,
या अब किसी के बाद हूँ मैं?
बताओ तुम भूल गए हो मुझको,
या फिर आज भी तुम्हे याद हूँ मैं?-
डरना कैसा?
छुप-छुप के आहें भरना कैसा?
भर लो बाहों में अपने मोहब्बत को जोर से,
यूँ घूट-घूटके पल-पल मरना कैसा?-
सुनो!!
तुम जो इतना सुना रहे हो,
क्या ग़लतियाँ थी मेरी जो गिना रहे हो?
बताओ क्या मर्जी थी चाहत में मेरी?
कौन सी मर्जी तुम बता रहे हो?
भाते नहीं थे तब हम दिल को तुम्हारे,
क्यों वफ़ा को मेरी झुठला रहे हो?
जिस सोच से तुम परे थे हमेशा,
उस सोच में क्यों डूबे जा रहे हो?
दूर हो गए हम ऊब कर बेरूखियों से तुम्हारे,
दूर जाने का फ़ैसला अब किसको सुना रहे हो?
ख़ुदग़र्ज़ ग़र तुम हो, तो हम क्यों नहीं ?
बेवजह तोहमत अब किसपर लगा रहे हो?
सुनो!! फिर से सुनो!! सुनते रहो!!
तुम जो बेवजह इतना सुना रहे हो,
ऐसा लग रहा है, जैसे बहुत पछता रहे हो।-
हम जीतकर है आए उससे,
जो चल रहा भीतर एक द्वंद्व था,
न सोचना कोई थी बंदिशें हमपर
न सोचना कि किवाड़ कोई बंद था,
मर्ज़ी थी तो थी बस हमारे दिल की,
जिसको हमारा यहाँ आना नापसंद था।-
निज देश-भेष-भाषा का भक्त मै रहूंगा,
अपने कर्तव्यों के प्रति सशक्त मैं रहूंगा,
करूंगा षड्यंत्रों को विफल देश के विरुद्ध मैं,
हर चुनौतियों के सामने सदा सख्त मैं रहूंगा,
भरकर जोश अपनी अंतिम साँसों में भी
परम्पराओं के लिए खौलता रक्त मै रहूंगा,
रहेगी मेरी दृष्टि सब पर मरने के बाद भी,
मजार बनकर शांति का तख़्त मैं रहूंगा।-
बेहद ख़ूबसूरत होते हैं इश्क़ के हर इक एहसास,
ये दिलों से जन्में प्रेमी युगलों का विश्वास होते हैं,
रखना पड़ता है एहतियात इसमें नाज़ुक दिलों का,
भावनाओं में डूबे दिल इश्क़ में बेहद ख़ास होते हैं।-
अधरो पे मुरली है, मन में मुस्कान,
कान्हा के मन में है राधा का नाम।-