किसी मंदिर में आपको कोई मुसलमान नहीं मिलेगा माथा टेकते हुए
लेकिन हिन्दू धर्म की कुछ आरक्षण वाली औलादें मजार पर नज़र आती रहती हैं।।
जो पक्के हिंदू हैं वो। समर्थन करें
जो हिन्दू होने का दिखावा करते हैं वो भूतनी वाले दूर रहें-
तेरे लिए चले थे हम तेरे लिए ठहर गए तू ने कहा तो जी उठे तू ने कहा तो मर गए
कट ही गई जुदाई भी कब ये हुआ कि मर गए तेरे भी दिन गुज़र गए मेरे भी दिन गुज़र गए
तू भी कुछ और और है हम भी कुछ और और हैं जाने वो तू किधर गया जाने वो हम किधर गए
राहों में ही मिले थे हम राहें नसीब बन गईं वो भी न अपने घर गया हम भी न अपने घर गए
वक़्त तेरी जुदाई का इतना तवील हो गया दिल में तेरे विसाल के जितने थे ज़ख़्म भर गए
वो भी गुबार-ए-ख़्वाब था हम भी गुबार-ए-ख़्वाब थे वो भी कहीं बिखर गया हम भी कहीं बिखर गए
कोई कनार-ए-आबजू बैठा हुआ है सर-निगूँ कश्ती किधर चली गई जाने किधर भँवर गए
आज भी इंतिज़ार का वक़्त हुनूत हो गया ऐसा लगा कि हश्र तक सारे ही पल ठहर गए।-
उसने बहुत देर तक बहुत कुछ टाइप किया था,
फिर सब डिलीट करके लिखा... ख़्याल रखो अपना...
मैंने भी बहुत कुछ लिखा था, फिर सब मिटा कर हाँ तुम भी लिख कर !
सेंड कर दिया...
इस तरह हम दोनों ने रिश्तो का लिहाज बनाये रखा...
ऐसा रिश्ता जो अब कही था ही नहीं...
कितने अजीब होते है
ऐसे रिश्ते जो सब खत्म होने के बाद भी कभी खत्म नहीं होते हैं-
जुदा होकर भी उसका इंतज़ार है तो है...
उस ज़ालिम से आज भी प्यार है तो है ....
खबर है मुझे उसकी नज़र अंदाज़ी की....
मगर उसे देखने को दिल बेकरार है तो है ....
वो करते रहे गैरो सा सलूक हम से मगर...
वो मेरे अपनो में शुमार है तो है ....
चाहे खड़ी कर दें वो नफरत की दीवार मगर...
फिर भी उस पे जां निसार है तो है ...
बेशक़ मोहब्बत आज भी उसी से है....
धड़कनें आज भी उसकी तलबगार है तो है...-
सामने से विरोध करने का कलेजा हो
तो स्वागत है तुम्हारा....
हम पीठ पीछे निंदा करने वालों को
कायर समझते है.!-
सामने से विरोध करने का कलेजा हो
तो स्वागत है तुम्हारा....
हम पीठ पीछे निंदा करने वालों को
कायर समझते है.!-
सामने से विरोध करने का कलेजा हो
तो स्वागत है तुम्हारा....
हम पीठ पीछे निंदा करने वालों को
कायर समझते है.!-
खूबसूरती न सूरत में है।
न लिबास में....
निगाहें....
जिसे चाहे उसे हसीन कर दें.....
-
वो मोहब्बत की क्या....
जिसमे दर्द न हो.....
मर्द औरत की हर गलती माफ़ कर सकता है...
लेकिन
उसकी गलती कोई दूसरा #मर्द न हो...-
सब हमें बेवकूफ समझते हैं
पर मसला तो ये है कि.......
हम रिश्ता दिमाग से नही बल्कि दिल से निभाते हैं
इसलिए हम हर बार #धोखा खा जाते हैं-