Quantum लेने उस दिन कटरा जब मैं आई थी
बुला कर तुमको न जाने क्यों मिलने न मैं आई थी
मुरझाए हुए फूल दोबारा फिर उस दिन खिल जाएंगे
देखो पेपर के बाद क्रासिंग पर हम तुमसे मिल जाएंगे
आख़िरी साल है मेरा पेपर बाद दूर धीरे से हो जाऊंगी
सरकारी नौकरी नही लगी तो किसी और कि हो जाउंगी
सच कहूँ तो शायद मैं उसी दिन ही मर जाउंगी
ढोली तो सज रही होगी पर अर्थी में तब जाउंगी
वो कैंटीन की मैगी , रसगुल्ले और गुप्ता जी की चाय
धीरे धीरे सब कुछ भूल रही हूं कर रही हूं अब बाय
अरे पगली मरने की बाते छोड़ो अभी बहुत कुछ खोना है
क़िस्मत में सिर्फ़ तुम्ही हो फिर कौन बाबू कौन शोना है
लाल जोड़ा पहनकर तुमको सिर्फ मेरा ही तो होना है
क़िस्मत में सिर्फ़ तुम्ही हो फिर कौन बाबू कौन शोना है
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Always a memory is a Star or Stain-
कलम कार हूँ शब्दो से खेलना मेरा काम है
सही कहा आपने गौरव मेरा ही ... read more
मेरे जज्बातो को समझने लगी थी वो
मेरे हर हालातो को समझने लगी थी वो
उसपे तो जान निसार करते थे कितने रक़ीब
सुना है मुझसे प्यार करने लगी थी वो-
किया तो था हमने भी इश्क़ पर महफ़िलो में शायरी करनी पड़ रही है
कोई बताओ मेरे मौला मुझपर इश्क़-ए-जंग भारी पड़ रही हैं-
दर्द-ए-दुनियां में उसने इश्क़ को ख़राब कर दिया
न जाने कैसे उसने गौरव की चाय को भी शराब कर दिया-
फ़रेब की पहली ठोकर में रक़ीब के बदले मेरा नाम आया हैं
खिलौनों से मन भर गया उसका अब तुम्हारे दिल का काम आया हैं-
तू लड़की एडेड मिनरल वाटर जैसी
मैं लड़का खुले कुँए के पानी जैसा
तू हक़ीक़त है जाने कितने रक़ीबों की
मैं बन्द पड़ी अनदेखी किताबों की कहानियों जैसा-
कभी मीरा के प्रभु गिरधर नागर
तो कभी छलिया श्याम सलोना माधव हो
जब जब बात आए कुंडा क्षेत्र के विकास की
तब तब सदैव जिंदाबाद गुलशन यादव हो-
पूँछने पर तो तुम भी कहते थे कि हाल दूसरा हैं
आज मिलने को बोल रही हो अरे जाओ साल दूसरा हैं-
बिन पायल के ही काले धागे से क़हर बरसा दूंगी
गौरव देख लेना मैं किस तरह तुम्हें अपना दीवाना बना दूंगी-
यूँ जो मुस्कुराते हुए बालों को कानो के पीछे सँवारती हो तुम
हर रोज़ न जाने कितने दीवानों को घायल करके मारती हो तुम-