मिट्टी का दीया 🪔
मिट्टी जो कभी कृतघ्न ना हुई
जितनी बार रौंदी गई
हर बार उसी जिद से उठ खड़ी हुई ,
स्नेह की बाती को
अपने हिवड़े में जगह दी
सर हिलाते आकाश को चूम लेने की इच्छा शक्ति दी
हर बार रही वह निवेदित ;
जिसने किया है उसको जीवित l
अंधकार से रौशन हो जाने की
हार से जीत पाने की
परंपराओं व मूल्यों को सहेजने की
रीति रिवाज एवं संस्कारों को जी जाने की
खुशियां और उत्सव मनाने की
मिट्टी जो कभी कृतघ्न ना हुई
जितनी बार रौंदी गई
हर बार उसी जिद से उठ खड़ी हुई
हर बार मिट्टी का दिया
देकर जाती है सबक
समर्पण में ही है अर्पण
कृतज्ञता में ही है तर्पण
जलाएं अपनी दीयों से दूसरों के जीवन में दीया 🪔
#Happy Diwali 🎇
- Kr. Kartiken-
Done B.tech .
I wrote many poems
Published in our college magazine
Wr... read more
मिट्टी का दीया 🪔
मिट्टी जो कभी कृतघ्न ना हुई
जितनी बार रौंदी गई
हर बार उसी जिद से उठ खड़ी हुई ,
स्नेह की बाती को
अपने हिवड़े में जगह दी
सर हिलाते आकाश को चूम लेने की इच्छा शक्ति दी
हर बार रही वह निवेदित ;
जिसने किया है उसको जीवित l
अंधकार से रौशन हो जाने की
हार से जीत पाने की
परंपराओं व मूल्यों को सहेजने की
रीति रिवाज एवं संस्कारों को जी जाने की
खुशियां और उत्सव मनाने की
मिट्टी जो कभी कृतघ्न ना हुई ;
जितनी बार रौंदी गई
हर बार उसी जिद से उठ खड़ी हुई l
हर बार मिट्टी का दिया
देकर जाती है सबक
समर्पण में ही है अर्पण
कृतज्ञता में ही है तर्पण l
जलाएं अपनी दीयों से दूसरों के जीवन में दीया l-
किसी को भी इतना न दिया जाए... Irrtitation
कि फिर वो बन जाए........Motivation
और खुद को ठीक करना समझे....Isolation
वैसे भी लगता है लोगो को.....
मैं करता हूं बेवजह ............ Infiltration
शायद उन्हें पता नहीं,मैं भी इंसान ही हूं...😔-
इंतज़ार
इंतज़ार की सारी सीमाएं टूट जाती हैं ,
पर असर उतना का उतना ही होता है।।
हर बार जब भी खोलता हूं ...व्हाट्सएप
सिर्फ तुम्हारे मैसेज के इंतज़ार मे...
शायद कोई मैसेज ; आया हो
शायद कुछ बात ; हो सके
सारी चैट पढ़ जाता हूं,
इसी इंतज़ार में....
पर इंतज़ार खतम , नहीं होता है..
चलो छोड़ो सनम, तुमसे भी क्या शिकायतें करे....
क्यूंकि इस इश्क का दरिया का किनारा एक है,
और दूसरा का इंतजार है...
पर हां करता रहूंगा इंतज़ार....
क्योंकि ये दिल रूठकर भी हर बार,
हो जाता है तुमपे ही ऐतवार.....!!!
-
अगर तुम्हे जाना ही था,तो एक बार ज़ाहिर कर देती।।
पर इस तरह तुम्हें, मुझे रुसवा करने का कोई हक़ नहीं था।।।-
तू इतनी कैसे ...हो गई कमबख्त........
जो कभी ज़िंदगी बिताना चाहती थी मेरे साथ..
हर पल हर वक्त।।।।।-
एक हम है ,जो उनसे बात करने के इंतज़ार में व्याकुल है।
और एक वो है,जो खुद में ख़ुद से ही सुलझने में माकूल है।।।-
हर रातें होती है इंतज़ार.....
और हर रातें कट जाती है ..इसी इंतज़ार में!!!!
अब तो ..ये हो गई है...आदत सी...
और आदत , बन गई है... लत्त
पर कमबख्त.....
कौन समझता है इसको??
जिसको फिक्र ही नहीं है
तेरे होने या न होने से।।
!!!!!!!!one sided love!!!!
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तुम्हारा थोड़ा देर ......कभी होता नही खतम!!!!
आखिर क्यों जगा जाते हो हर बार ये उम्मीदों का सितम!!!!-
बहुत हुआ बीपीएससी तेरी ये अत्याचारी
नहीं सहेंगे अब ये तेरी लूट - चमारी।
कर दो अपने सिस्टम में बदलाव,
चाहे वो हो scaling की बात
या हो waiting list ki सौगात,
तुझे करनी होगी अब हम सब की बात.....
और लानी होगी पारदर्शिता🤘✌️🤘
करके अनुकरण... परीक्षा की अचार संहिता।।
नहीं तो चलेगा..... ये आंदोलन पुरजोर💪💪
फिर धरी रह जाएगी सत्ता की ताक़त सराबोर
क्योंकि अब जाग चुका है ये युवा💪
करके मानेगा ये बदलाव...
इसलिए सुन लो हमलोग की बात
और कर दो पूरी हमारी मांगों की सौगात...🤟🤘
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