I CAN'T CHANGE THE WORLD
BUT
I CAN HOLD A CHANGE-
ये ज़िन्दगी हैं कहाँ, कोई पता बता दें।
ये साँसे चल तो रही हैं, पर कोई वज़ह बता दें।-
मेरी कोशिशें अधूरी सही
पर कुछ तो असर ज़रूर होगा
जो आएगा मेरे बाद इन रहो पर कोई
उसका मंज़िल से मिलना ज़रूर होगा-
कोशिशें तमाम रख।
ज़ेहन में मक़ाम रख।
कोई साथ दे ना दे तेरा
पर अपना.....
पाक ईमान रख।
वो चिंगारियां ही सही,
जिनसे दिखता हैं तू।
वो अधूरी कोशिशें ही सही,
जिनसे बंदा हैं तू।
अभी साँसे चल रही हैं न तेरी?
चल उठ खड़ा हो!
अभी ज़िंदा हैं तू......-
ये वक़्त क्यों अब ठहरता नहीं?
ये साँसे क्यों अब चढ़ती नहीं?
क्या असर था बस उम्र का?
अब जो निगाहें किसी पर रुकती नहीं।-
फ़िक्र करे तुम्हारी अब इतना वक़्त नहीं हैं।
मिलना हो गर कभी हमसे
तो आ जाना मैख़ाने में
यूँ भी ज़िंदगी में अब तुम्हारा ज़िक्र नहीं हैं....
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एक तरफ़ा हैं इश्क़ मेरा, मुझे नाक़ाम होने दो
बहुत दिन रखि शराफ़त, अब बदनाम होने दो-
ये ज़िंदगी एक हैं मेरी
मुझे ज़रा जीने तो दो
नशा मुझे अभी हुआ नहीं
इन खुलीं आँखों से पिने तो दो
सुबह होते राहों को लौट जाऊँगा मैं
इस रात मुझे इन ज़ुल्फों में सोने तो दो-
If you blink
You will notice the change
And when are focused
You will make the change-