वो कहते थे उनका ख्वाब हूं मैं,
जिंदगी की धूप में मीठी छांव हूं मैं;
मंजिल पे उन्हें मेरा साथ निभाना था,
आज उनके लिए सिर्फ एक नाम हूं मै।-
आंखो से उनका चेहरा ओझल होता नहीं हद है लोग इसे इश्क़ समझ रहे।
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यूं जो किस्तों में वो हमे तबाह करते है ,हद है जान किस्तों में नई ली जाती।
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चीखती पुकारती मां भारती है कहती,
ले आओ सर दुश्मनों का जो इंसानियत नई पहचानती;
बहुत हो गया अब और दुशाहस न सहा जाता है,
वीर सपूतों तुम सब के रहते क्यों कोई सर ले जाता है;
क्यों किसी की हिम्मत को नेता सह दे जाते है,
देश की अहमियत से ज्यादा स्वार्थ वो अपनाते है;
मा भारती तेरी अस्मिता को क्यों कोई चोट पहुंचाते है,
क्यों नहीं मा तेरी झोली में दुश्मनों का सर वो ले आते है।
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हम उनकी खैरियत की दुआ करते थकते नहीं थे और वो हमारी भावनाओं के साथ खेल रहे थे।
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नयन से निकली पानी सी,
ज़िन्दगी मेरी अनोखी कहानी सी;
चंद ख्वाहिशों की गुलिस्तां सी,
जिंदगानी मेरी भरी जवानी सी।-
आइने में अगर रोज तुम अपनी सूरत निहारते हो तो समझो प्यार में हो,
मन अगर प्रतीपल विचलित हो रहा तो आप समझो प्यार में हो;
उनकी एक झलक को अगर बेताब हो तुम तो समझो प्यार में हो,
चाहत में उनकी कुछ कर गुजरने की जज्बा पाले बैठे हो तो समझो प्यार में हो;
उनकी हर ख्वाहिश पूरी करने की चाहत है तो समझो प्यार में हो,
अगर हसरत सिर्फ उन्हें पाने की है तो समझो आप प्यार में हो;
उनकी हर दर्द अगर आपकी हो जाए तो समझो आप प्यार में हो,
दूसरी हर बात जो उनके खिलाफ हो और आप उसका विरोध करो तो समझो आप प्यार में हो;
अगर आपके दिल में उनके लिए कोई संशय नहीं तो समझो प्रिय आप प्यार में हो;
मुकम्मल करने की हर सौख उनकी चाहत अगर है तो समझो आप प्यार में हो....
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मुकम्मल हो जाता हर सपना साथ तू जो होती,
इबादत करता दिन रात तेरी पास तू जो होती;
लंबी नींद सभी को है सोना एक दिन दिलरुबा,
तेरी मौजूदगी ही मेरे ज़िन्दगी की न्यी शुरूवात होती।
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उनकी एक झलक को मै बेताब रहता था,
उनसे मोहब्बत को हर पल तैयार रहता था;
उनकी रूह किसी और को ढूंढा करती थी,
और मै बेफिजूल उनपे ऎतबार करता था।-