मनचाहे ईश्क कि एहसास हो गई,
सर्द भरी रातों में बरसात हो गईं,
लबों ने खुद पर काबू पा लिया,
यादें ही उसकी फनाह कर गई।-
हर इक खवाइस का पूल बांध लेना,
मुलाकात जब भी हो उससे,
लब्ज़ दो से चार कर लेना,
आखिर कब्तक ऐसे ही घबराओगे,
सामने जाकर क्या फिर से मुस्कुराओगे।
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चांद की चांदनी में जुगनू चमक रहे हैं,
रात के सन्नाटे में यादें समिट रहे हैं।-
All those years with footed tears,
Memories faded away with layers,
She was always there with mere...-
मेरे यादों की लिवास हो तुम,
तरसते गलों की प्यास हो तुम,
टूटते हुए सब्र की बांध ही तुम,
रूह से जुड़ी हुई जज़्बात हो तुम।-
Keep cherishing your prayer,
You will feel love everywhere,
Wind crossing by your ear,
Even in the air.-
ना जानें किस तरह का इश्क़ कर रहे हैं हम,
जिसके हो नहीं सकते उसी के हो रहें हैं हम।-
सब्र भि कर लेते अगर उनकी ख़बर होती,
जो लौट ही नहीं सकते उनकी क्या ही पहल होती।-