Kumar Gaurav   (एक परिंदा)
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एक परिंदा ज़मीन का….
Joined 2 July 2022


एक परिंदा ज़मीन का….
Joined 2 July 2022
3 JUL 2022 AT 11:34

कब आऊँगा वापस, ये रास्ता मुझसे पूछता है,
कब आएँगी ख़ुशियाँ फिर से, ये आँगन मुझसे पूछता है,
पूछती हैं हर यादें मुझसे, पूछता हर ख़याल है,
आज़ाऊँगा जल्दी क्या मैं, यह घर मुझसे पूछता है॥

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3 JUL 2022 AT 11:14

ना शिकायत है मुझे किसी से, ना किसी से नफरत है,
मैं तो बस खुद से टूटा हुआ हूँ, और केसे उठाऊ उँगली मैं दूसरों पर, मैं तो ख़ुद अपनो से लूटा हुआ हूँ॥

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2 JUL 2022 AT 21:17

चादर भी ना लपेट पायी, जात की जिस्म को, दुनिया बिना बात शरम का पर्दा सिखाती है...

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2 JUL 2022 AT 17:12

Ek Nighaon Se Jab Dekha Ushne Mud Kar Mujhe,
Main Awara Galib Main Badal Gaya...

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