Kumar Gaurav   (Ķűmãř)
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Joined 30 July 2020


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Joined 30 July 2020
2 SEP 2020 AT 12:36

मोहोब्बत भी
इबादत का नाम है
फ़र्क बस इतना है कि
इसमें कोई गुमनाम है
तो कोई बदनाम है

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2 SEP 2020 AT 11:55

झूठी मोहोब्बत से अच्छी
हमको सच्ची नफ़रत लगती है ।

दूसरों से अपनी बुराइयां भी
हमको अपनी बरक़त लगतीं हैं ।।

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27 AUG 2020 AT 18:56

Full stop does not only marks the ending of a sentence.
But it is also the first sign of beginning of a new sentence.

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23 AUG 2020 AT 15:54

ए दिल,
इस ज़माने को मेरे इश्क का पैगाम लिखना ।
उसमें सबसे पहले मेरा नाम ,
फिर मेरी आशिकी का अंज़ाम लिखना
वो ज़ान-ए-वफा की शाम लिखना
दिल्ल़गी के नाकाम काम लिखना
उनको आफ़ताब का चांद (और)
मुझको ढ़लती शाम लिखना
'उनके साथ ही था मेरा जहान्' लिखना
जहाँ न पहुँच सका मैं, वो मुकाम लिखना
ए दिल याद रखना उनको बेग़म (और)
मुझको उनकी मोहोब्बत का गुलाम लिखना
इस ज़माने को मेरा इक पैगाम लिखना ।।

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23 AUG 2020 AT 10:57

नफ़रत नहीं प्यार फैलाता हूँ
यकीन नहीं आता मेरीं बातों पर, तो पूँछ लो
मैं तो अपने दुश्मनों को भी यार बुलाता हूँ ।।

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20 AUG 2020 AT 14:43

दास्तां इक प्यार की सुनाता हूँ
मैं जिनके लिए जीता हूँ
उन्हीं से ज़ी चुराता हूँ
भाव कितने भी हों मेरे मन में
उनके आते ही भावहीन हो जाता हूँ
दास्तां इक प्यार की अलग सुनाता हूँ

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19 AUG 2020 AT 16:43

मेरी उल्झनों को
बड़ी आसानी से सुलझाती थी
वो उलझे बालों वाली लड़की ,
आज हम उलझे हैं
और बाल सुल्झे !!

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18 AUG 2020 AT 17:37

जिंदगी के सफर में
साथ चलने का फैसला हुआ था
आप तो लहरों के साथ बह गए।
'मेरा इन्तजार करना'
आप भला ऐसा क्यों कह गए!
आपके इन्तजार में हम
किनारे पे ही खड़े रह गए।
हमेशा आपका भला ही चाहा
तभी तो आपकी जुदाई का गम भी
हम हंसते-हंसते सह गए ।।

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17 AUG 2020 AT 12:33

तेरे दीदार में मन खोया है
तेरी याद में आसमां भी रोया है
सपनों में तू आज भी मेरे साथ है
तभी तो ये दिल आज तक सोया है

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17 AUG 2020 AT 11:50

तेरी नफरत के बदले ,
बफ़ा रखता हूँ ।
तेरे हाथो में खन्जर है ,
मैं अपने में दवा रखता हूँ ।।

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