हम समझ गए।।
साथ मिला ऐसा की
हम राहें भटक गए
पाना था मंज़िल को
आकर कहां अटक गए
अब हम समझ गए।
कुछ दूर चला तो समझ आया
हमने क्या खोकर क्या पाया
तुम्हारे सोहबत में
सब बदल गया
अब हम समझ गए।
जीवन सफ़र में सही
रास्ता अपनाना
चुनना रास्ता ऐसा की
मंजिल तक पहुंच जाना
प्रेम से जग को जितना
तुम ज्ञान दे गई
अब हम समझ गए।
भटकते रास्ते भी मंज़िल
को भी तक ले गए
ठोकर खाकर संभल भी गए
संग्राम रूपी जिंदगी जीत गए ।।
हम समझ गए।।
--- गौरव ✍️-
आप वो एहसास हो ,
जो हमें हमसे मिलाता है!
मेरा बस एक नजर भरके आपको देखना,
हमारे हजारों ख़्वाबों को सजा कर जाता हैं!!
--- गौरव ✍️-
वो होंगे एक दिन सर झुकाये तेरे क़दमों में।।
हौसला ही फैसला है, मत हार तू हौसला।।
चला जा, ना रुक तुम, ना झुक तुम
अपनी परेशानियों को बना अपनी ताकत तुम
दुनिया रोकेगी तुझे, टोकेगी तुझे,
मत दे तुम ध्यान उन पर।।
मत बैठ तू अपनी किस्मत के भरोसे,
बदल दे अपनी किस्मत को अपनी मेहनत से,
बढ़ता चल चला, ना थक तुम ना थम तुम,
मंजिल है तेरी नभ को पाने को।।
निकल जा अकेला तुम राह पर,
कांटे तो होंगे तेरी राह में, मुसीबतें भी होंगी,
एक दिन जरूर मिलेगी तेरी मंज़िल तुझे,
बस तुम थकना नहीं, बस तुम थमना नही।।
मत डरना तो प्रतिकूल परिस्थितियों से,
एक दिन परिस्थिति तेरे अनुकूल होगी जरूर,
तब देखना तुझे जो डराते थे तुझे,
सताते थे तुझे,रोकते थे तुझे, सताते थे तुझे।।
वो होंगे एक दिन सर झुकाये तेरे क़दमों में।।
हौसला ही फैसला है, मत हार तू हौसला।।
--- गौरव ✍️-
वकालत....
वकालत में है तो,
कबड्डी की खेलों।।
पहले तरह विपक्षियों को आगे
आने दो और बाद में घेरकर
धाराशाही कर दो।।
गौरव ✍️-
औरत! प्रेम-पैसा और पावर ...
अगर आप की औरत कमातीं हो या नहीं कमातीं हो उसे अपने मर्द का प्रेम-पैसा और पावर पसंद होता है जिसपर वह नाज़ करतीं हैं। औरत अगर बहक रही हो तो तीनों चीजों को कम कर दें। ये उसे बर्दाश्त नहीं हो सकता है लेकिन वह आप से लड़ेंगी दूर नहीं जाएगी। जब उसमें सुधार हो जाएं तो उसका प्रेम-पैसा और पावर पुनः दें दीजिए। अगर वह बेहाया झूठी और धोखेबाज होगी तो दूसरे मर्द का दामन थामते रहेगी।
@ गौरव नारायण भारती ✍️-
सच्चा प्रेम ग़लत काम को रोक कर पुनः विश्वास पैदा कर सकता है। धोखेबाजी और झूठ छोड़ कर पारदर्शिता लाओ, तुम प्रेम और प्रेमी का विश्वास वापस पा लोगी।
@ गौरव नारायण भारती ✍️-
प्रेम विश्वास झूठ और धोखेबाजी
आपके शब्दों, वचनों, कर्मो आचरण व्यवहार से उत्पन्न भाव भंगिमाओं का मेल को विश्वास कहते हैं इसे पैदा नहीं किया जा सकता है। प्रेम में विश्वास पैदा होता है,लेकिन बार बार झूठ और धोखेबाजी से विश्वास की बुलंद दरवाजा भी टूट जाता है साथ ही साथ प्रेम की इमारत भी दरक जातीं हैं।
@ गौरव नारायण भारती-
शुभ्रा ❣️💞❣️
रिश्ते बनाने के लिए बस एक पल चाहिए...
पर उसे निभाने के लिए एक दिल चाहिए...
खेलता तो सागर भी लहरों से है...
थामने के लिये एक शुभ्रा चाहिए।।
@ गौरव नारायण भारती।।-
अगर आप को अपनी दिल की बातें कहता है..
तो समझिए कि उसे आप पर विश्वास है ....
दोस्तों को दिल की बातें शेयर की जाती है.. 😊
।। गौरव नारायण भारती।।-
✌️🕯️💫 मित्र कौन 💫🕯️✌️
प्रभु राम जब रावण के खिलाफ धर्मयुद्ध लड़ने की घोषणा की तो नर से वानर, पशु पक्षी सभी मित्रता के बंधन में रह कर श्री राम को विजय दिलाई और पहली नारी स्वतंत्रता की प्रतीक मां सीता को आजाद कराने में मित्रों ने बहुमूल्य योगदान दिया।
अर्थात मित्र वही है जो बिना स्वार्थ के आप के दुःख सुख में साथ रहते हैं।
।।गौरव नारायण भारती।।-