समानता का अधिकार (act 14)👇
* समानता और विधियों का समान संरक्षण:-
अनुच्छेद 14 में कहा गया है कि राज भारत की राज्य क्षेत्र में किसी व्यक्ति को विधि के समक्ष समता से या विधि के समान संरक्षण से वंचित नहीं करेगा। प्रत्येक व्यक्ति चाहे वह नागरिक हो या विदेशी सब पर यह अधिकार लागू होगा। इसके अतिरिक्त व्यक्ति शब्द में विधिक व्यक्ति अर्थात संवैधानिक निगम, कंपनियां, पंजीकृत समितियां या किसी भी अन्य तरह का विधिक व्यक्ति सम्मिलित है।-
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1):- समानता का अधिकार (act 14 - 18)।
2);- स्वतंत्रता का अधिकार (act 19 - 22)।
3):- शोषण के विरुद्ध अधिकार (act 23 - 24)।
4):- धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार (act25 - 28)।
5):- संस्कृति और शिक्षा संबंधित अधिकार (act 29 -39)
।
6):- संपत्ति का अधिकार ( act 31)।
7):-संवैधानिक उपचारों का अधिकार (act 32)।-
ये मंजिल नहीं आसान इतना समझ लीजिए,
आग की दरिया है डूब के जाना है।। 😊-
बंधुत्व:-
बंधुत्व का अर्थ है :- भाईचारे की भावना यह हर भारतीय नागरिक का कर्तव्य होगा कि वह धार्मिक, भाषाई, क्षेत्रीय अथवा वर्ग विविधताओं से ऊपर उठकर सौहार्द और आपसी भाईचारे की भावना को प्रोत्साहित करेगा।
बंधुत्व को दो बातों को सुनिश्चित करना होगा पहला, व्यक्ति और का सम्मान और दूसरा, देश की एकता और अखंडता अखंडता। शब्द को 42 वें संविधान संशोधन अधिनियम 1976 द्वारा प्रस्तावना में जोड़ा गया।-
हम up, बिहारी की एक ही बात होती,
औकात नहीं फिर भी औकात की बात करते हैं,
और जब एक बार दिल टूट जाये ना,
तो सीधे सर पे UPSC सवार होते हैं।।-
मैं एक ज्ञानी हूं, पर मैं जानता हूँ कि मैं कुछ नहीं जानता।।
:- सुकरात-
समानता :-
समानता का अर्थ है :- समाज के किसी भी वर्ग के लिए विशेषाधिकार की अनुपस्थिति और बिना किसी भेदभाव के हर व्यक्ति को समान अवसर प्रदान करने के उपबंध।
भारतीय संविधान की प्रस्तावना हर नागरिक को स्थिति और अवसर की क्षमता प्रदान करती है। इस उपबंध में समानता के 3 आयाम शामिल है नागरिक राजनीतिक व आर्थिक।-
न्याय:-👇
प्रस्तावना में तीन विभिन्न रूपों में शामिल है :- सामाजिक, आर्थिक व राजनीतिक इसकी सुरक्षा मौलिक अधिकार व नीति निदेशक सिद्धांत के विभिन्न ओवर के जरिए की जाती है।
सामाजिक न्याय का अर्थ है :- हर व्यक्ति के साथ जाति, धर्म लिंग के आधार पर बिना भेदभाव की समान व्यवहार इसका मतलब है। समाज में किसी वर्ग विशेष के लिए विशेष अधिकारों की अनुपस्थिति और अनुसूचित जाति जनजाति अन्य पिछड़े वर्ग तथा महिलाओं की स्थिति में सुधार।
आर्थिक न्याय का अर्थ है :- की आर्थिक कारणों के आधार पर किसी भी व्यक्ति से भेदभाव नहीं किया जाएगा इसमें संपदा व संपत्ति की असमानता को दूर करना यह शामिल है सामाजिक न्याय और आर्थिक न्याय का मिलाजुला रूप अनुपातिक को परिलक्षित करता है।-