हम तुमपे, मरते थे कितना,
खोने से तुम्हें, डरते थे कितना,
तुमको मेरी, थी कदर ना,
नासमझ मैं, क्यों था इतना !!!
तेरे लिए मैंने, सारे दर्द सहे,
तेरे दिए मैंने, सारे ज़ख्म सहे,
मरहम ना मिला, ना तो तुम हीं मिले,
तेरे बिना बता, हम कैसे जिएं !!!
तेरे ख्यालों में,
खुद के सवालों में,
दिल मेरा उलझा,
उलझा बड़ा !!!
कैसे अब जाने दें,
दिल से जज़्बातों को,
आ मेरी जिंदगी,
तू फिर से सजा !!!
तेरी फ़िकर हम,करते थे जितना,
अपनी भी काश हम, कर लेते उतना,
दिल ना, उतना टूटा होता,
तेरे हीं हाथों, आया टूटता जितना !!!
तेरे लिए मैंने, सारे दर्द सहे,
तेरे दिए मैंने, सारे ज़ख्म सहे,
मरहम ना मिला, ना तो तुम हीं मिले,
तेरे बिना बता, हम कैसे जिएं !!!-
इस विरान से घर में, काश उसकी खिलखिलाहट गूंजती,
है दूर वो बहुत दूर मुझसे, पर कानों में अबतक उसकी आहट गूंजती !!!-
जब युद्ध मन से मन का हो,
बात मानसिक "अमन" का हो !!!
तो साथ किसका दें भला,
के जीत चित्त मन का हो !!!-
Hai chaand ghabraaye, khud ko chhipaaye, dikh raha aadha !!!
Lagta hai isne bhi toda, teri hi tarah koi waada !!!-
जिन फूलों पर इतराती हो इतना, वो सारे मुरझा जाएंगे,
जब सारे छोड़ जाएंगे तो, याद हमहीं फिर आएंगे !!!-
Tumko kya maaloom kya kadi uske dil par guzri hogi,
Jisne mohabbat ko, naa paane ka naam bhi mohabbat diya !!!-
Kabhi wo aankhon ke saamne,
kabhi palkon ke neeche the,
Humne tabse unka chehra chaaha,
Jabse aankhein meeche the !!!-
Maine kar diye teejoriyon mein dafn shauk mere,
Ab dekhta hoon khwaab ghar sawaarne ke !!!-
Hua ehsaas wo phir mujhe rulaane waala hai,
Khabar hai wo phir se jaane waala hai !!!-