कई सबक दिए वर्ष २०२३ ने...
कई रिश्ते,,
कुछ छूटे; तो, कुछ तार हुए, कुछ गद्दार हुए...
कई रंग दिखे,
कुछ संग दिखे तो कुछ रंज दिखे ...
कई पल,,
कुछ पल खास थे, कुछ उदास थे
कुछ तो स्वप्न थे, कुछ एहसास थे...
कई ख़बर,,
कुछ खबर ठीक थी, कुछ ने छीनी नींद थी...
कई वादे,,
कुछ वादे हुए पूरे , कुछ रहे अधूरे,,
कई उम्मीद,,
कुछ में आस दिखी, तो कुछ में राख दिखी...
अंततः सफ़र,,
कुछ चढ़ाव था, कुछ उतार था,
सबक बहुत थे, अंततः अच्छा पड़ाव था....
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