Kumar Aman   (Kumar Aman)
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Joined 14 June 2020


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Joined 14 June 2020
27 MAY 2023 AT 23:27

प्यार - मोहब्बत, अब फिल्मी बातें लगती हैं
चांद से रोशन , अब सूनी रातें लगती हैं ।। ।।

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23 MAY 2023 AT 23:09

दुनिया मै हजार हसीं चेहरे हैं
देखने को ,
हैरां हूं नौजवानों पर , जो
अभी से मोहब्बत कर बैठे ।। ।।

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23 MAY 2023 AT 21:26

मैंने काफी बार देखा है

किसी एक की मोहब्बत , किसी
दूसरे की किस्मत से हार जाती है ।। ।।

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4 JAN 2023 AT 23:27

कितने आसान हैं ये दिन
कितनी मुश्किल से कट रहे हैं ।।

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30 OCT 2022 AT 15:25

मै चीख रहा हूँ ,
तुम मौन हो !!
हम दोनो जिये जा रहे हैं ।।
किन्तु ,
कदाचित
मेरी चीख अब प्रतिदिन मौन हो रही है ,
तुम्हारा मौन अब प्रतिदिन चीख रहा है !

हम दोनो प्रतिक्षा मै हैं ,
अगले जन्म की ।।
अहो !
नियति निष्ठुर है ,
किन्तु प्रेम शाश्वत है ।।
तुम और मै शाश्वत का ही भरोसा करेंगे ।। ।।


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30 JUL 2022 AT 13:58

इक हाँ
तेरे होंठो से फिसला तो था ,
तुझे पाने को मैं
मुझमे से निकला तो था ।। ।।

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30 JUL 2022 AT 9:49

मैनें प्रेम मे जीवन जीया है ,
मुझे मौत से घृणा नहीं ।। ।।

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20 JUL 2022 AT 1:41

कहते हैं
बादल बारिश का पानी
समंदर से उठाते हैं , किंतु खारा ।
बारिश का पानी चखकर देखा मीठा था ।
पानी पारदर्शी है , उसने अपना खारापन बादलों को
सौंप दिया और मीठा बनकर बरसा ।।
कुछ हिस्सा वापस समंदर मे मिल गया और कुछ
हिस्सा भूमि के अंदर समा गया ।।

किन्तु अचरज की बात है , क्या मिट्टी मे पानी का
दम नहीं घुटता ?

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19 JUL 2022 AT 12:57

प्रेम , नदियों का पानी नही
घटता रहे बढता रहे ।
प्रेम , आकाश नही बादल से ढक जाऐ ।
प्रेम , ॠतु नही
सावन पतझड रहे ।
प्रेम , भूमि नही कही बंजर ऊपजाऊ मिले ।

प्रेम भूख नही , प्यास नही
तृष्णा नही , उल्लास नही
मिलना नही , काश नहीं
समीकरण नही , व्यास नही

प्रेम अंतत कुछ नही , पदार्थ नहीं ।। ।।

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16 JUL 2022 AT 20:57

मन के भीतर कुछ रिक्त है ,
जो कभी रिक्त नहीं होता ।। ।।

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