खुद की गलती पर तुम
महज़ एक वकील थे,
एक गलती मैंने क्या कर दी
तुम तो जज बन बैठे-
ये तो सलीना बताएगा ,
कैसा हूँ मैं ,
ये तो मेरे जीने का सलीका बताएगा ,
क... read more
कभी जमीं, कभी आसमां
कभी रहगुज़र तो कभी हमसफ़र
बन जाती है वो
ख़ुद का ख़्याल रखा नहीं जाता उनसे
बस मुझे कुछ हो जाए तो
डॉक्टर बन जाती है वो-
मुझे तेरी कमी नहीं खल रही
बस तेरे बिना मेरी जिंदगी
ज़िन्दगी नहीं लग रही-
''यहां आसमाँ में सितारों की जरूरत है
सुशांत तुम चले आओ''
मुझे ये ख़ुदा की फरमाइश लगती है
लोगों को जीना सिखाने वाला
दो हाथ रस्सी से कैसे हार गया
मुझे तो ये एक साजिश लगती है-
तेरे चले जाने से मुझे खास फ़र्क़ नहीं पड़ने वाला
क्यूँकि तुझसे बड़ी बड़ी चीज़ मैंने मुस्कुराते हुए गवाया है-
अच्छा हुआ तुझे social distancing का बहाना मिल गया
ऐसे ही तुम मेरे कौन से करीब थे-
कलम रो देगी इतिहास के पन्नों पे इस दर्द को लिखते लिखते
परिवार के शाख राख हो गए देखते देखते-
ऐसा लगता है कि ये खबर सुनके असहनीय पीड़ा से ग्रसित हो गया हूँ
मुझे कभी अपने कानो पे भरोसा नहीं होता तो कभी मीडिया पे
जिनकी फिल्मो को देख के शिशु अवस्था से युवा अवस्था में प्रवेश किया हूँ उनको अपनी नज़रों के सामने जाते देख, और इस बात से भी वाकिफ होना की वो लौट आ नहीं सकते इतना दुखद महसूस कर रहा हूँ कि चंद शब्दों से बयां करना उनके प्रेम के प्रति कटौती होगी,
एक लौते ऐसे ऋषि कपूर को जनता हूँ मैं जो 3 पीढ़ी के अभिनेता थे
भगवान् उनके आत्मा को शांति प्रदान करे 🙏-