Kulendra Dewase   (Perfectly_Imperfect✍️)
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Joined 26 January 2019


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Joined 26 January 2019
7 APR 2021 AT 11:49

लिखता हूँ शौक से
हां एक अंतरंगी अल्फाज हूं,
जो हर कोई सुन ना सके
ऐसी एक अनकही आवाज़ हूं,
ना मुझे कोई कल हरा सका
ना ही हारा मैं आज हूं,
मेहनत से डर नही मुझे
सिर्फ मौके का मोहताज हूं....

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26 MAR 2021 AT 22:03

दिल में छुपी कोई बात हो अगर
उन्हे लफ्जों पर अपने तुम लाना,
करना अगर कोई वादा तुम मुझसे
आखिरी सांस तक तुम उसे निभाना,
गर जो दिखे कोई गलती मेरी
तो बेझिझक तुम मुझे बतलाना,
साथ चलने का गर ना हो इरादा
तो मुझसे कहना पर देना न कोई बहाना,
वक़्त चाहिए तुम्हे तो मांग लेना बेशक
देर से ही सही पर हमेशा के लिए अपनाना.....

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15 MAR 2021 AT 20:38

ताश के पत्तो कि तरह बिखर जाते है अरमान सारे
के बेवफाई मे इंसान बिना वजह भी रूठ जाता है

कितना भी संजो कर रख लो रिश्तों को
जिन्दगी की जद्दोजहद मे हमेशा कुछ पिछे छूट जाता है

यू तो तसल्ली देने वाले तसल्ली देते रहते है
मगर वो क्या करे जिसका भरोसा टूट जाता है

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6 MAR 2021 AT 7:10

चेहरे पर जो मुस्कान है मेरे
हमेशा यूँ ही बनाए रखेंगे,
एक तुम से मेरा ये वादा है.....
कल भी सिर्फ तू चाहिए था मुझे
आज भी तुम्हे अपना बनाने का इरादा है.....
सारी खुशिया मिला कर देखी है मैने
पर तेरे जाने का गम आज भी ज्यादा है.....

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30 DEC 2020 AT 21:12

कुछ कसमें खाई थी मैंने,
वो आज भी निभा रहा हूँ।
कल भी चाहता था तुझको,
आज भी तुझे ही चाह रहा हूँ।
बनावटी हैं ये दुनिया
अब कबूल कर लिया हैं मैंने भी इसे
खुश रहने का वादा किया था,
देख लो मुस्कुरा रहा हूँ 🙂 ।

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27 SEP 2020 AT 17:35

मोहब्बत हो गई थी तुझसे,
हां तुझसे ही सारी चाहत थी,

पर ये अकेलापन भी कमाल का निकला,
तेरे बाद इसी ने मुझे राहत दी,

एक मासूमियत जो थी मेरे चेहरे पर,
पहचान इसकी सिर्फ वो मुस्कुराहट थी,

इन फसलों में यूं उलझ गया सब,
मैं मै ना रहा तेरे बाद ,
मुझे एक तेरी ही तो आदत थी....

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11 JUL 2020 AT 11:24

तुम हवा सी गुजरती हो
मै पेड़ सा लहराता हूं...
तुम बारिश सी बरसती हो ,
मै ज़मीन सा भीग जाता हूं...
तुम फूल सी खिलती हो ,
मै भंवरे सा गुनगुनाता हूं...
तुम धूप सी खिलती हो,
मै पंछियों सा चेह चहचहाता हूं...
तुम सड़क हो मेरे मंज़िल की ,
मै साथ तुम्हारे मुड़ना चाहता हूं...
मीलों का ही क्यों ना हो ये सफ़र ,
मै साथ तुम्हारे चलना चाहता हूं...

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10 JUL 2020 AT 13:37


जब भी गलियों में घुमा करता था
हाथों में उसका हाथ हुआ करता था
हर पल साथ हमारा ऐसा ही बना रहे
रब से मै बस यही दुआ करता था...

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5 JUL 2020 AT 8:40

कड़ी मेहनत करके कमाई है दौलत
इत्र सी खुशबू उनके पसीने में है,
वो सुकून कहीं और नहीं
जो उनकी छाया तले जीने में है,
प्यार की आशा रखते है सबसे
मेरे लिए भगवान है वो,
सोने का दिल उनके सीने में है,
सब दर्द अपने छुपा कर भी मुस्कुराना
उनकी आदत में है,
सारे जग की दौलत में वो मज़ा नहीं
जो पिता की इबादत में है...

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29 JUN 2020 AT 21:34

देखें थे जो सपने हमने साथ में,
वो इन आंखों में महफूज़ आज भी हैं...
कसमों की इस कश्मकश में,
एक कसम अधूरी आज भी हैं...
रिश्तों का भवर ही कुछ अटपटा सा था,
यूं तो प्यार की एक रस्म अधूरी आज भी है...
चंद फासलों से नहीं बदले जाते फैसले,
हमें तुमसे वही मोहब्बत आज भी है...

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