मोहतरमा...सब्र इतना की समय के अंत तक इंतेज़ार कर लें...
और बेसब्री इतनी की एक कॉल ना उठाने पर बवाल कर दें..."कुछ ऐसी मुहब्बत है तुमसे प्रिये"-
खुश रहिएगा....बहुत से सपने देखिएगा...पर...मुहब्बत कभी...मत कीजियेगा....
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क्या कहूं उसके बारे में..
मैं घर का सबसे छोटा बेटा और वो अपने भाई से बड़ी है..सलवार सूट मे उस पर छोटी बिंदी अच्छी लगती है...अंग्रेजी से ज्यादा उसे हिंदी अच्छी लगती है...यूँ तो है हम दोनो मे कुछ भी समान नहीं है...पर सामने आने पर हमारी धड़कनो की ताल , नज़रों की थाप (चुराना) , और शब्दो की लड़खड़ाहट एक हो जाती है...🤩🤩🤩-
"अश्क़" उसके ना होने पर भी...उसी का ही... होना...ही..."मोहब्बत" है....❣️
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नाराज़ नहीं... दिल दुखाया है...इसलिए सामना नही कर पाते...बस इसीलिए है आपसे नज़र चुराते....
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इक लम्बे अरशे बाद मिला कोई शक्श मुझे मेरे ही जैसा... ज़िंदगी से ज्यादा जिसे मौत पसंद है....
खुशी से ज्यादा दर्द पसंद है...
है वो शून्य से भी ज्यादा खामोश...पर कलम की ललकार पसंद है-
Mai ..Khamosh ..Hun ..Iska ..Mtlab ..Ye
..Nahi ...Ki ..Koi "Tufan" ..Ane ..Wala h...
Bas tumhari "fareb" ki is duniya se kahin door jaane wala hai...ye ladai ,ye jhagde ye jalan sab purani bate hai...अब वो शुकून के शून्य मे खो जाने वाला है🥰🥰🥰
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कितना ..घुटन ..भरा ..होता है.. किसी ..का ..छोड़
..के ..चले ...जाना..."जी ..के ..तो ..देखते"....
कहने ..को ..तो ..था ..वो .."Shakhat ..Launda". ..पर ..ना ..जाने ..कितनी ..रातें ..तकिया ..भिगाई ..थी .."उसने ..तेरे ..हिज़्र ..में"...कम ..से ..कम ..हाल ही पूछते...!!!
हंसता ..था ..मुस्कुराता ..था ..कहीं ..जान ..ना ..लें हाल-ए-दिल ..का ..हाल ..घरवाले....
...कई ..कई ..बार..रोया ..था ..वो..मुँह ..में .. दांतो तले कपड़ा .. दबाये ....बस ..इक दफ़ा ..इक दफ़ा..."आ के तो मिलते"....
"आज..वो ..भी..साँस ..लेता ..इस ..आबो ..हवा ..में.... ग़र ..तुम ..उसके ..दिल ..से ..ना ..खेलते😢😢.."-
कहने को आज हमने अपनी सबसे कीमती चीज खो दी...🙃 पर सच्चाई तो ये है की वो कभी मेरा था ही नहीं...🙅
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गवाह है मुहब्बत का इतिहास...सच्चा प्यार हमेशा दुत्कारा ही गया है....
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