Kuldeep .Sharma   (कुलदीप रणथंभौरी)
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Joined 14 July 2019


Joined 14 July 2019
14 FEB 2022 AT 9:33

अपनी आदतों में तू आदत ये भी शुमार कर
फिर प्यार तू चाहे मुझसे हद से बेशुमार कर
तुझे लगे जब फीकापन रूठा रूठा इश्क़ लगे
गले लगाकर मुझको अपने
फिर से इश्क़ का इजहार कर
Happy Valentine's day

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7 FEB 2022 AT 10:39

गुलाब हो तुम , गुलाब ही रहना
बने हो तुम मेरी माँग का गहना
पत्ती पत्ती बिखर जाउँ तेरे लिए
मुझसे कभी ना अलविदा कहना
Happy ROSE day

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7 FEB 2022 AT 10:04

गुलाब जैसी कोमल हो तुम, गुलाब सी महकती रहो
मुस्कान सजाकर अधरों पर मेरे आँगन चहकती रहो
भ्रमर बनकर मैं करुँ गुंजन , अधर से अधर चूमूँ
तुम्हे नशा हो गुंजन का , हरपल मुझ में बहकती रहो
Happy ROSE day

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1 JAN 2022 AT 21:41

एक नई उम्मीद जगाने , फिर से सूरज निकला है
पिछले साल नही जो बदला देखे अब क्या बदला है
एक बढ़ा तो एक घटा है, बात पुरानी ज्यों की त्यों
मन हर्षित हो उछल रहा है मन तो अपना पागल है

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17 DEC 2021 AT 22:08

इस कदर ना हमे भुलाओ
लौट फिर किरदार में आओ
एक गीत फिर से में गाता हूँ
एक नगमा तुम भी गुनगुनाओ

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19 NOV 2021 AT 14:00

इतना सरल नही है लौट कर आना
ना खुद से मिलना ना तुझको पाना

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15 NOV 2021 AT 19:19

दरिया बन हम भटकते रहे सागर की तलाश में
सागर खुद प्यासा बैठा था एक दरिये की आस में

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7 NOV 2021 AT 19:16

ना समझना कि मैं कोई कलमकार हूँ
बस तुमसे इश्क़ करने का गुनहगार हूँ

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4 OCT 2021 AT 22:15

जितने भी मुखोटे है मेरे
सारे नकाब दुनिया ने ओढ़ाए है
में तो निर्वस्त्र आया था

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2 OCT 2021 AT 17:55

बापू तेरे दो पैरों की दो परिपाटी देख रहा
अहिंसा का पुजारी सदा सत्य सहेज रहा
कब तक मौन धरूँ में कब तक लाठी हाथ बंधे
गांधीगिरी में सदा बापू छलता मेरा देश रहा

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