मैं दिसंबर और तुम जनवरी
रिश्ता काफ़ी नजदीक का है
और दूरी साल भर का।।-
Mariner
Kuldeep pal
kp3pal@gmail.com
चल आ तेरे पैरो पर ,
मरहम लगा दूँ ऐ मुकद्दर ।
कुछ चोटे तुझे भी आई होगी ,
मेरे सपनो को ठोकर मार कर ।
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तेरे फुर्सत के इंतजार में रहता हूं।
मैं परदेस में रहकर भी प्यार मैं रहता हूं।।
और बस तेरी मर्जी से ही बदलेगी किस्मत मेरी ।
वरना जीत कर भी में हार में रहता हूं।।-
सुन्दरता की प्रतिस्पर्धा अपने पुरे शबाब पे है..
आज एक चाँद दूसरे चाँद के इंतज़ार में है..!!-
किस्मत की लकीरें भी आज इठलाई हैं
मेरे प्यार की मेंहदी जबसे तूने हाथों में सजाई हैं
वो अक्सर मेंहदी में मेरा नाम छुपाया करती हैं
मेरी नजरें ना हटे उससे वो ऐसा जान बुझ कर करती है
मेरा इश्क मेहदी सा निखरा है तुझमें मैं कितना चाहता हूँ
उसे ये बात गहरे रंगो से बताई हैं
की मेरे प्यार मेंहदी जबसे तूने हाथों में सजाई-
बहोत दूर तक जाना पड़ता है दोस्तो ,
बस ये जानने के लिए की नजदीक कौन है ।-
इंजीनियरिंग छोड़ कर जब
नेवी में जाने का फैसला लिया
तो समझदार लोगो ने बहोत
समझाया लेकिन ऐसी समझदारी
का क्या जो मेरी उड़ान रोक दे।।-
इस दुनिया को अगर आप आवश्यकता से ज्यादा ।
अगर खाना और प्यार दिया तो लोग छोड़ ही देते है । ।-
आधुनिक इश्क़ में इतना पुराना हूं कि Oreo
के जमाने ने में parle G का दीवाना हुं
आधुनिक इश्क़ में इतना पुराना हूं कि yo-yo
के जमाने ने में kishore kumar का दीवाना हुं-