बन्धन,प्रेम की मौत है।।
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वह बेवफा है तो क्या मत कहो बुरा उसको ,
जो हुआ सो हुआ खुश रखे खुदा उसको।।
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अब तो महफ़िलो में भी खुद को अकेला पाते है ,
जब भी तेरी याद आती बस तड़प जाते है ।।-
वो कहती थी एक दिन जरूर आएगी ,
उस दिन का इंतजार है मेरी आँखों को।।-
वफ़ा किया था मतलबी कहा तुने, तू बता अपने दिल को संभालू
कैसे .....२
रफा दफा तो हो गई मोह्हबत हमारी अब तू बता तुझे दिल से
निकालू कैसे ...???
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जो छुपाया है राज तुमने दिल में ,
उसे आँखों से बता देना .....!
अगर मुकम्मल हो इश्क़ मेरा ,
तो जाते जाते होंटो से मुस्कुरा देना ।।-
क्या शोक करूँ उन स्वप्नों का जो स्वप्न,स्वप्न ही रह गए,
क्यूँ पश्चाताप उन वचनों का जो खंडित होकर ढह गए,
क्या रोना उस पीड़ा पर जो समय बाद भी हरे रहें ,
क्यूँ क्रोध करें इस समय चक्र पर जो ब्रह्मदेव ने स्वयं गढ़े ,
हाँ शोक त्याग अब उन स्वप्नो को लक्ष्य बनाकर चलना है
पश्चाताप को त्याग पुनः उन वचनों को जोड़े रखना है
अश्रु पोंछकर नयनों का अब इस पीड़ा को सहकर चलना होगा
जन्म मनुज का पाया है तो जन्म सुफल करना होगा
ब्रम्ह्देव के रचित काल से लडकर बढ़ना ही होगा।।-
उनकी बड़ी बड़ी आँखों में हमने गजब का खुमार देखा है ,
ऐसा लगता है आज हमने अपना पहला प्यार देखा है ।।-
योग,लग्न,ग्रह,वार,तिथि,सब होइए अनुकूल।
जब धरा,धाम,तिहुँ लोक के स्वामी विराजेगे अवध में मूल।।
जय श्री राम🙏🙏
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रोक के रखा है मैंने उन ग़मों को जो दिया तुमने है मुझे,
अब सवाल ये है कि इन्हें तुम्हे लौटायू कैसे ।।-