सकारात्मकता यदि संभव नहीं तो
नकारात्मकता से ना खुद को घेर
निष्पक्षता के तटस्थ सफ़र पर
जा आइये "दीप" टहल कुछ देर।।-
मैं तुम्हें एक किस्सा सुनाऊंँ..किस्सा है ये खास,
ज़मीन और वृक्ष में हो रही थी वार्तालाप;
उनके दरमियान का कथन रख रही हूंँ समक्ष
करना ज़रूर विचार... सुनकर मेरी बात।
{पूरी रचना सी अनुशीर्षक में}
-
पंथ खालसा का कर सृजन,
किया गुरु ने बड़ा उपकार;
भारतवर्ष करे नमन,
किया हम सब का उद्धार।
"खालसा मेरो रूप है खास"
जन्मदिन यह पावन दिन,
सिखों के दिल में है उल्लास!
सम्पूर्ण जगत गुरु गोबिंद जी के,
किए उपकारों का करे गुणगान।
आओ मिलकर खुशियांँ मनाएंँ;
बैसाखी का "दीप" पर्व मनाएंँ।-
सपने टूटते है
तुम जानते तो हो अपने बिछड़ते हैं
इतनी उदासी किस लिए दोस्त
तुम जानते तो हो
यही जीवन का नियम है।-
Be within Me
Just like my Lord
For my Friends
For my own People
Be within Me
Till the End of my
Last Breath.♥️😇-
for what you or I am ...
I Love You
for...
What We are
When we are
Together♥️♥️-
खुलने दो अब तो
अरमानों को खिलने दो अब तो
आशाओं के पुष्पों को खिलकर
मन अंतर में घुलने दो अब तो।
"दीप"-
तू इबादत तू ही सजदा,
तू ही पालनहार;
तेरी दुआओं की छाँव में,
जीवन बना उपहार।
"दीप"
-
This is for you my sister 😘
धूप जैसी खिलती है छाँव जैसे वो मिलती है,
तुम्हें पाकर मेरी दुनिया फूलों जैसी खिलती है
गमों की बदलियों को भी हँसती बरसात कर जाए
गले लगती है जब मेरे वो हर एक गम को सिलती है।-
Day I lost my love,
I lost my world;
Thought of writing my emotions,
But Lost all words.
Jumbling words,
Inside my head;
But when invited to paper,
All were dead.
With no words,
Screamed my paper and ink;
I was unable to write,
And it bacame...
My #lost_poem link.-