Sine se tere lag ke Sara kaha bhul jati hu
Khud ko teri banho me bada mahfuj pati hu-
हरपल चुभती है सीने मे
एक आह निकलती है
आंखे बरबस बरस पडती है
खुद को ठगा हुआ
बेबस महसूस करती हूँ
यादों की तकलीफ मुझे
पल पल मारती है-
Surkh labo ki lali gulab si khil uthi
Labo se jab lab takrai patjhad me bhi bahar a gyi-
Pyar ki ye nishani mere dil ki jubani
Ruh me basi Teri chahat ki khusbu j bn gyi meri jindgani
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Pukaro labo se naam mera
Gungunao mere ahsaso ko
Kho jao mere khyalo me
Soch mujhe srama jao
Muskuravo sath bitaye
palo ko yad karke
Mithe spno me kho jao
Jindgi bhar sath nibhane ko-
कब इतने माहिर
हो गए पता ना चला
हाले दिल ब्या
मिनटों में कर जाते है
दर्द हो या गम हो खुशी
हो या फिर ऑंखे नम हो
नज़्म नज़्म करके
पूरी किताब लिख देते है
हम अपने दिल की सारी
आप बीती कह देते है
अल्फाज मेरे मोती से
पिरोती हूँ उसे माला सी
बिखरे बिखरे से ख्वाब मेरे
समेत लेती हूं चंद लफ्ज़ो से-
कुटिया उसकी छोटी है
पर दिल उसका विशाल है
अपनी मेहनत का रूखी सुखी खाता
खुद भूखे पेट रह लेगा
पर मुझे कभी रहने नही देगा
प्यार उसका गंगाजल सा निर्मल
मन उसका दर्पण है
बोलने को लोग बहुत कुछ कहते
पर मैं जानती मेरे लिये वो क्या है-
मेरे पास वो शब्द नहीं
जिससे मैं बता पाती
तुम्हें मैं कितना प्यार करती हूं
फुरसत से तुम कभी
मेरी आँखों मे देखना
सीने से लगा के मेरी
धड़कन को सुनना
महसूस करना मेरी
बेइन्तहा महोब्बत को
जो मैं बस सिर्फ और
सिर्फ तुमसे ही करती हूं-
तुमको देखूं तो लगता बस
तुमको देखती ही रहूं
तुम्हारे सिवा मुझे कुछ
और नज़र नही आता
तेरे साथ जिंदगी मेरी
ऐसे ही गुज़रती रहे-