DHEERE DHEERE SAB CHOOT JATA HAIN YAARON
ZINDAGI MEIN….
DECEMBER TOH PHIR BHI EK MAHINA HAIN YAARON-
तुम्हे क्या पता कैसा हैं हाल हमारा,
एक तो शहर बंद, उपर से ख्याल तुम्हारा।-
मेरी मासूम सी मुहब्बत को ये हसीं तोहफे दे गए हैं,
जिंदगी बन कर आए थे.. और जिंदगी ले गए हैं!-
समझने ही नहीं देती सियासत हम को सच्चाई,
कभी चेहरा नहीं मिलता कभी दर्पन नहीं मिलता।-
Suljha nahi sakta musibaten apni
Ulajh sa gya hoon yaadon me apni-
यादों के समन्दर में डूब सा रहा हूं
निकालना चाहता हूं बाहर
पर तैरना भूल सा गया हूं ।
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हो रही बेचैनी मैं सोया ही नहीं
हुआ हादसा सा लग रहा कहीं
चीखते चिल्लाते चहरे आ रहे हैं सामने
कोई खो गया हो सो गया हो हमेशा के लिए
कोई याद मे तड़प रहा बिछड़ के कोई रो रहा
आयी आंसूओ की बाढ सी कहीं
हो रही बेचैनी मैं सोया ही नहीं।।
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Likhta Wahi Hoon Jo Dekhata Hoon
Insaniyat, Jaat ,Dharam ,Jishm
Ye Sab Choro Dost
Yaha Toh Jhutha Aanshu Bhi Baazar Me Sare Aam Bikta Hain..-
Ganga Me Tan Dhoya
Par Maan Sabka Ganda Hain
Aur Yaha Inshaniyat Kuch Nahi
Lekin Jaat
Jarur Ek Dhandha Hain...-
किसी के हिस्से में घर आया
किसी के हिस्से में गहने
और मेरे हिस्से में जहां आया
क्युकी मां थी मेरे सीने-