kuch baate adhuri si   (Kuch_baate_adhuri_si)
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Insta- kuch_baate_adhuri_si
Joined 16 May 2019


Insta- kuch_baate_adhuri_si
Joined 16 May 2019
23 AUG 2023 AT 18:55

नाकामयाबी मात्र एक दौर है,
हारने के बाद जीत का अलग ही जज्बा है,
आसमान की तरफ जरा आंख उठा कर देखो,
चांद पर अब तिरंगे का कब्जा है।

-Vermaji ka ladka

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27 JUL 2023 AT 22:01

ये मोहब्बत की गलियों में मत लेकर जाओ मुझे,
मातम के शहर में त्यौहार मनाने की कोशिश मत करो,
उजड़ गई है गालियां अब मेरे शहर की,
इस वीराने के मलबे से महल बनाने की कोशिश मत करो।

Vermaji ka ladka

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13 JUN 2023 AT 19:52

मैं 2 मिनट में हर एक शायरी लिखने वाला,
कोई मुझसे मेरी तन्हाई की किताब ना ले,
आंसू लाना छोड़ दिया है मैने अपनी आखों में,
बस खुदा उससे मेरे दर्द का हिसाब ना ले।

-Vermaji ka ladka

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8 JUN 2023 AT 22:33

वो हसीना काली जुल्फों वाली,
उसने मौसम की तरह अपने गले के हार बदले है,
बड़ा धोखा खाया है मेरी चाहत ने,
क्योंकि semester के subjects की तरह उसने अपने यार बदले है।

-Vermaji ka ladka

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14 MAY 2023 AT 20:16

इतना भी दबाव नही है मेरे दिमाग में,
कि मां की फोटो सोशल मीडिया पर लगाए बिना रह ना पाऊं,
ये स्टोरी वगैरा की ज़रूरत नही है मेरी मां को क्योंकि
इतनी भी दूरियां नही है मेरी मां से,
कि गले लगा कर "आपसे प्यार करता हूं" कह ना पाऊं।

Vermaji ka ladka

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8 MAY 2023 AT 21:32

ये मोहब्बत का खेल धूर्त है,
मैं दोबारा खेल नही पाऊंगा,
बड़ी मुश्किल से दर्द थोड़ा कम हुआ है शायरी में,
फिर से अपने अंदर एक और शायर झेल नही पाऊंगा।

Vermaji ka ladka

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11 FEB 2023 AT 18:22

वफा की नींद से उठना नही है मुझे,
मैं तारो से रात जगा देता,
अगर शायरी की तपिश से महबूब लौट कर आते साहिब,
तो मैं अपनी कलम से हर एक कागज में आग लगा देता।

Vermaji ka ladka

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12 JAN 2023 AT 21:20

मैने अपनी बर्बादी कुछ इस तरह लिखी है,
कि बैठे बैठे दिन से रात की है,
जब भी बैठा हूं मैं अंधेरे में,
मैने सिर्फ तेरी ही बात की है।


Vermaji ka ladka

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14 DEC 2022 AT 19:27

ना जाने फिर मुलाकात होगी भी या नही,
ना जाने फिर ये हसीन रात होगी भी या नहीं,
चलो फिर अनजान बन जाते है एक बार,
ना जाने फिर मोहब्बत की बात होगी भी या नही।

Vermaji ka ladka

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2 DEC 2022 AT 20:15

इश्क महंगा था,
मैं फकीर सा कहां खरीद पाता,
खाली हाथ लिए उसके दरवाजे कैसे जाता,
रकीब ने खरीद लिया उन्हे,
वो बिकता चला गया,
नादान है ये वर्मा जी का लड़का,
दोबारा इश्क की जगह सिर्फ लिखता चला गया।

Vermaji ka ladka

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