Kritika Singh   (Kritzhyperthymestic)
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शायरी लिखना शौक रहा हैं मेरा और कब ये शौक मोहब्बत बन गई पता नही चला ।।
Joined 21 March 2024


शायरी लिखना शौक रहा हैं मेरा और कब ये शौक मोहब्बत बन गई पता नही चला ।।
Joined 21 March 2024
13 HOURS AGO

अक्सर ये लोगो से सुना हैं कि तुम घर से निकले नही अपने शहर से निकले नही तो तुमने दुनिया को समझा नही जमाने को अभी जाना नहीं।
तुम आधे सच आधे हकीकत से रूबरू हुए हो अभी तो बहुत कुछ समझना हैं अभी बहुत कुछ जानना हैं अभी तो चंद लोगों से मिले हो अभी उसमे ही उलझ गए हो अभी तो कई और चेहरे मिलेंगे वो भी रंग बदलेंगे रिश्ते अभी तुम कुछ समझे हो अभी तो और बहुत कुछ हैं जिससे वाकिफ नहीं हुए हो । ये दुनिया बहुत अलग हैं जरा नजर और नजरिए को बदलो तुम अभी दुनिया और जमाने को पूरी तरह से समझे नहीं हो।।

#विचारमग्न 🤔

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19 HOURS AGO

तमाशा देखने वाले बहुत हैं
तमाशा बनाने वाले भी बहुत हैं
तमाशा को रोकने की हिम्मत सब में नहीं
तमाशे पर हंसने वाले बहुत हैं।।

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4 MAY AT 13:31

तुम रुके तो तुम्हें चलाने कोई नहीं आएगा
तुम थमे तो तुम्हें आगे बढ़ाने कोई नही आएगा
तुम खुद को खो बैठोगे इस रंग बदलती दुनिया की भीड़ में तुम्हें उस भीड़ से निकालने कोई नहीं आएगा।

मानो या न मानो सच तो यही हैं तुम्हें खुद को खुद ही समझना हैं, समझाना हैं तुम्हें समझाने कोई नहीं आएगा।।

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4 MAY AT 0:45

शुरुआत जैसी होगी।
अंत भी वैसा ही होगा।।
बात बर्दास्त से बाहर होगी।
तो बवाल तो खड़ा होगा।।

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3 MAY AT 2:30

कभी–कभी खुद को अच्छे से समझने के लिए।
खुद को जानने के लिए ।
एक बार खुद को पढ़ना ,खुद को जानना खुद के मन को अच्छे से टटोलना भी जरूरी हो जाता हैं।।

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3 MAY AT 2:00

जो सुलझे न, उसे उलझे रहने दो हर उलझन सुलझ जाए जरूरी नहीं।।

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30 APR AT 21:10

राज़ तो मोहब्बत के लिए बनी हैं
दोस्ती में राज़ का क्या काम।


🤔सही कहा या नहीं?

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24 APR AT 21:31

एकतरफ़ा प्रयास कभी भी रिश्ते को सफल नहीं बना सकता...
क्योंकि जिस दिन आप प्रयास करना बंद कर देंगे...
वह ख़त्म हो जाएगा...!...

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24 APR AT 13:18

तुम्हारा नाम और काम जितना बड़ा होगा उतनी ही उंगलियां उठाई जाएंगी।
तुम कितने भी बेहतर से बेहतर बन जाओ तुम्हे तुम्हारी कोई न कोई कमियां जरूर दिखाई जाएंगी।।

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23 APR AT 22:13

मुझे मेरी शायरी मुंह जुबानी याद नहीं रहती ।
बस जो दिल और दिमाग में आता है उसे पन्नो पर उतर दिया करती हूं।।

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