Kritika Seth   (Kritikaseth)
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Joined 22 February 2020


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25 JUN 2021 AT 21:09

उलझनों को छोड़ कर तू
मंजिल की तलाश कर

ना देख पीछे मुड़ कर यू
सपनो को तू साकार कर

माना मंजिल आसान नही
पर हिम्मत यू न हार तू

बस रख भरोसा खुद पर तू
और वक्त का इंतजार कर!!

_Kritikaseth_

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31 MAR 2021 AT 23:58

कुछ मीठे कुछ खट्टे रिश्ते
बदलते सोच के बदलते रिश्ते

अभिमान की आग में जलते रिश्ते
जुबान की कड़वाहट में बिगड़ते रिश्ते

बदलते मौसम की तरह बदलते रिश्ते
दिखावटी प्रेम के झूठे रिश्ते

कभी बनते कभी बिगड़ते रिश्ते
स्वार्थ के लालच में बदलते रिश्ते।।
#Kritikaseth

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7 MAR 2021 AT 16:21

मीरा सी बावरी
गोपियो सी भोली है वो

कान्हा की भक्ति में लीन
राधा के रंग में रंगी है वो

बासुरी की धुन सी मधुर
मिश्री की जैसे मीठी है वो

कमल की कोमल पंखुड़ी सी
कान्हा के प्यार में दीवानी है वो।
_Kritikaseth_

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17 FEB 2021 AT 22:58

हाथ थामा है तो साथ भी निभाएंगे हम,

तुम्हारे लिये जिन्दगी क्या मौत से भी लड़ जाएगें हम।।

_Kritikaseth_

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12 FEB 2021 AT 11:08

छोड़ दिया मैंने साज़ श्रृंगार
मैंने सादगी ही अपना लिया

उलझन भरी इस जिंदगी को
अपना नसीब बना निभा दिया

थक चुकी हूं दुनियां की कश्मकश से
मैंने खुद को खुद में ही दफना दिया

तोड़ पैरो की जंजीरें
मैंने खुद को खुद से आज़ाद किया!
_Kritikaseth_


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6 FEB 2021 AT 1:05

माँ-बाप का आशीर्वाद रहे
बहन-भाई का प्यार रहे

यारो की यारी रहे
परिवार का साथ रहे


उपहार रहे ना रहे
ज़िन्दगी खुशहाल रहे

दुआएँ बेशुमार रहे
कान्हा का सर पे हाथ रहे।

_Kritikaseth_

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4 FEB 2021 AT 16:43

गिरता है फिर खुद ही सम्भलता हैं वो,
हर सुबह नए ख्वाबो को बुनता हैं वो

बहता है पानी की दरियों की तरह तो,
कभी लहरो की धुन सा मचलता हैं वो

कभी उड़ता हैं आज़ाद परिंदो की तरह तो,
कभी अपनो के कैद में ही झुलसता है वो

देखता हैं जो सपने बन्द आँखों से वो,
उन्हें खुली आँखों से पूरा करना चाहता है वो।
#Kritikaseth

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30 JAN 2021 AT 10:50

वो गोकुल का कन्हैया
वो बरसाने की राधा हैं,

एक दूजे के बिना
दोनो का जीवन आधा हैं,

वो विषभानु की दुलारी
वो नन्दबाबा का दुलारा हैं,

वो मधुर ध्वनि बांसुरी सी
वो रंग बिरंगा मयूर पंख हैं।
_Kritikaseth_

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15 DEC 2020 AT 22:34

वो पानी का दरिया हैं
उसको बहने दो अपने हिसाब से,

तुम पत्थर बन उसकी राह मत रोको
ये ज़िन्दगी उसी की हैं,


उसे जीने दो अपने हिसाब से
वरना एक दिन पछताओगे,

कई तारो के बीच
चमकता देख उसे आसमान में!
#Kritikaseth

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11 DEC 2020 AT 15:42

चार दिन की ज़िंदगी हैं तू खुल के जिया कर
ए मेरे दिल अंदर ही अंदर तू मत घुटा कर,


ये हालात भी वक्त के साथ गुज़र ही जायेगें
इन हालातों का डट के तू सामना किया कर,


अपने ख़्वाबों को अंदर ही अंदर दफ़न मत किया कर
अपनी चाहतो को खुल के तू बया किया कर!

#KRITIKASETH

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