उलझनों को छोड़ कर तू मंजिल की तलाश करना देख पीछे मुड़ कर यूसपनो को तू साकार करमाना मंजिल आसान नहीपर हिम्मत यू न हार तूबस रख भरोसा खुद पर तूऔर वक्त का इंतजार कर!!_Kritikaseth_ -
उलझनों को छोड़ कर तू मंजिल की तलाश करना देख पीछे मुड़ कर यूसपनो को तू साकार करमाना मंजिल आसान नहीपर हिम्मत यू न हार तूबस रख भरोसा खुद पर तूऔर वक्त का इंतजार कर!!_Kritikaseth_
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कुछ मीठे कुछ खट्टे रिश्तेबदलते सोच के बदलते रिश्तेअभिमान की आग में जलते रिश्तेजुबान की कड़वाहट में बिगड़ते रिश्तेबदलते मौसम की तरह बदलते रिश्तेदिखावटी प्रेम के झूठे रिश्तेकभी बनते कभी बिगड़ते रिश्तेस्वार्थ के लालच में बदलते रिश्ते।। #Kritikaseth -
कुछ मीठे कुछ खट्टे रिश्तेबदलते सोच के बदलते रिश्तेअभिमान की आग में जलते रिश्तेजुबान की कड़वाहट में बिगड़ते रिश्तेबदलते मौसम की तरह बदलते रिश्तेदिखावटी प्रेम के झूठे रिश्तेकभी बनते कभी बिगड़ते रिश्तेस्वार्थ के लालच में बदलते रिश्ते।। #Kritikaseth
मीरा सी बावरीगोपियो सी भोली है वोकान्हा की भक्ति में लीनराधा के रंग में रंगी है वोबासुरी की धुन सी मधुर मिश्री की जैसे मीठी है वोकमल की कोमल पंखुड़ी सी कान्हा के प्यार में दीवानी है वो।_Kritikaseth_ -
मीरा सी बावरीगोपियो सी भोली है वोकान्हा की भक्ति में लीनराधा के रंग में रंगी है वोबासुरी की धुन सी मधुर मिश्री की जैसे मीठी है वोकमल की कोमल पंखुड़ी सी कान्हा के प्यार में दीवानी है वो।_Kritikaseth_
हाथ थामा है तो साथ भी निभाएंगे हम, तुम्हारे लिये जिन्दगी क्या मौत से भी लड़ जाएगें हम।। _Kritikaseth_ -
हाथ थामा है तो साथ भी निभाएंगे हम, तुम्हारे लिये जिन्दगी क्या मौत से भी लड़ जाएगें हम।। _Kritikaseth_
छोड़ दिया मैंने साज़ श्रृंगारमैंने सादगी ही अपना लिया उलझन भरी इस जिंदगी कोअपना नसीब बना निभा दियाथक चुकी हूं दुनियां की कश्मकश सेमैंने खुद को खुद में ही दफना दियातोड़ पैरो की जंजीरें मैंने खुद को खुद से आज़ाद किया! _Kritikaseth_ -
छोड़ दिया मैंने साज़ श्रृंगारमैंने सादगी ही अपना लिया उलझन भरी इस जिंदगी कोअपना नसीब बना निभा दियाथक चुकी हूं दुनियां की कश्मकश सेमैंने खुद को खुद में ही दफना दियातोड़ पैरो की जंजीरें मैंने खुद को खुद से आज़ाद किया! _Kritikaseth_
माँ-बाप का आशीर्वाद रहेबहन-भाई का प्यार रहेयारो की यारी रहेपरिवार का साथ रहेउपहार रहे ना रहेज़िन्दगी खुशहाल रहेदुआएँ बेशुमार रहे कान्हा का सर पे हाथ रहे।_Kritikaseth_ -
माँ-बाप का आशीर्वाद रहेबहन-भाई का प्यार रहेयारो की यारी रहेपरिवार का साथ रहेउपहार रहे ना रहेज़िन्दगी खुशहाल रहेदुआएँ बेशुमार रहे कान्हा का सर पे हाथ रहे।_Kritikaseth_
गिरता है फिर खुद ही सम्भलता हैं वो, हर सुबह नए ख्वाबो को बुनता हैं वोबहता है पानी की दरियों की तरह तो, कभी लहरो की धुन सा मचलता हैं वोकभी उड़ता हैं आज़ाद परिंदो की तरह तो, कभी अपनो के कैद में ही झुलसता है वोदेखता हैं जो सपने बन्द आँखों से वो,उन्हें खुली आँखों से पूरा करना चाहता है वो। #Kritikaseth -
गिरता है फिर खुद ही सम्भलता हैं वो, हर सुबह नए ख्वाबो को बुनता हैं वोबहता है पानी की दरियों की तरह तो, कभी लहरो की धुन सा मचलता हैं वोकभी उड़ता हैं आज़ाद परिंदो की तरह तो, कभी अपनो के कैद में ही झुलसता है वोदेखता हैं जो सपने बन्द आँखों से वो,उन्हें खुली आँखों से पूरा करना चाहता है वो। #Kritikaseth
वो गोकुल का कन्हैया वो बरसाने की राधा हैं, एक दूजे के बिनादोनो का जीवन आधा हैं, वो विषभानु की दुलारीवो नन्दबाबा का दुलारा हैं, वो मधुर ध्वनि बांसुरी सीवो रंग बिरंगा मयूर पंख हैं।_Kritikaseth_ -
वो गोकुल का कन्हैया वो बरसाने की राधा हैं, एक दूजे के बिनादोनो का जीवन आधा हैं, वो विषभानु की दुलारीवो नन्दबाबा का दुलारा हैं, वो मधुर ध्वनि बांसुरी सीवो रंग बिरंगा मयूर पंख हैं।_Kritikaseth_
वो पानी का दरिया हैंउसको बहने दो अपने हिसाब से, तुम पत्थर बन उसकी राह मत रोकोये ज़िन्दगी उसी की हैं, उसे जीने दो अपने हिसाब सेवरना एक दिन पछताओगे, कई तारो के बीच चमकता देख उसे आसमान में! #Kritikaseth -
वो पानी का दरिया हैंउसको बहने दो अपने हिसाब से, तुम पत्थर बन उसकी राह मत रोकोये ज़िन्दगी उसी की हैं, उसे जीने दो अपने हिसाब सेवरना एक दिन पछताओगे, कई तारो के बीच चमकता देख उसे आसमान में! #Kritikaseth
चार दिन की ज़िंदगी हैं तू खुल के जिया करए मेरे दिल अंदर ही अंदर तू मत घुटा कर, ये हालात भी वक्त के साथ गुज़र ही जायेगेंइन हालातों का डट के तू सामना किया कर, अपने ख़्वाबों को अंदर ही अंदर दफ़न मत किया करअपनी चाहतो को खुल के तू बया किया कर! #KRITIKASETH -
चार दिन की ज़िंदगी हैं तू खुल के जिया करए मेरे दिल अंदर ही अंदर तू मत घुटा कर, ये हालात भी वक्त के साथ गुज़र ही जायेगेंइन हालातों का डट के तू सामना किया कर, अपने ख़्वाबों को अंदर ही अंदर दफ़न मत किया करअपनी चाहतो को खुल के तू बया किया कर! #KRITIKASETH