Kritika Khandelwal   (Kritika Khandelwal'कृति')
3.5k Followers · 29 Following

read more
Joined 12 November 2018


read more
Joined 12 November 2018
16 SEP AT 19:24

बस अचानक सबको दिखता है

बीज बोते हैं बरसों पहले
पर फूल अचानक खिलता है

दर्द जमा होता रहता है
फिर आंसू अचानक गिरता है

जब धीरे धीरे बढ़ती हैं दरारें
तो मकान अचानक बिखरता है

-


9 SEP AT 21:16

जिन पेड़ों की जड़ें गहरी होती हैं
उन्हें रोज़ रोज़ पानी नहीं देना पड़ता

और ये बात सिर्फ पेड़ों के लिए नहीं है

-


7 FEB AT 21:00

वजह चाहे जो भी बताएं वो
मग़र कुछ लोगों का सच यही है
किसी एक का होके रह पाना
उनके बस का नहीं है

-


16 DEC 2024 AT 18:59

एलबम से, फोन से, ख़यालों से और डायरी से भी,
आज बेदख़ल कर रही हूं तुम्हें
अपनी ग़ज़ल और शायरी से भी

-


25 SEP 2024 AT 18:28

ज़ख्म जो दिखते नहीं वो दुखते बहुत हैं
शीशे और लोग टूटने के बाद चुभते बहुत हैं

-


8 AUG 2024 AT 18:10

आज फिर वही तेज़ बारिश
बिजली बादलों की गड़गड़ाहट
मेरा कमरा और बालकनी
लम्हे ख़ूबसूरत यादों के
तुम्हारी मेरी अंतहीन बातों के
पल चुराए थे जो ज़िंदगी से
वाकई वो ज़िंदगी थे

-


3 AUG 2024 AT 19:47

जो साथ रहकर हमें कभी रोने नहीं देते हैं
उन्हें याद करके एक दिन हम बहुत रोते हैं

-


25 JUL 2024 AT 18:30

हाथ पकड़ने वाला नहीं
हाथ थामने वाला चाहिए
साथ चलने वाला नहीं
साथ ठहरने वाला चाहिए

-


15 JUL 2024 AT 18:40

ज़रूरी नहीं है कि एक अच्छे कलाकार की सबसे अच्छी बनती हो

लेकिन जिसकी हर किसी से अच्छी बनती है वो बेशक़ एक अच्छा कलाकार है

-


1 JUN 2024 AT 20:27

I know it has been over since overlong
But I still find a little part of us
in every song

-


Fetching Kritika Khandelwal Quotes