बसा होता है कोई ख़ास
जिक्र उसका हो ना हो
होता है हर पल उसका एहसास
सुबह उसकी याद के साथ
शाम उसकी बात के साथ
नींद आये तो ख्वाबों में भी होता है
ना आये तो बस यादें उसकी
होता है वो एक शख़्स बहुत खास
हर पल रहता है जो ना होकर भी साथ
यही तो है इश्क़ का खूबसूरत एहसास-
दिल धड़कना भूल गया, रगें सुनसान लगती हैं
कहने को चलती हैं साँसें, मगर रूह बेजान लगती हैं
लगती हैं अनजान जानी-पहचानी सी राहें
बिना तुम्हारे ये दुनिया वीरान लगती है-
दिल में इस कदर घर कर गयी हैं
खामोश रातों को ये सहर कर गयीं हैं
ठहर गयी राहों में तेरी ज़िंदगी मेरी
तुम्हारी यादें जो ये हसर कर गयी हैं-
दिल से शिकवे, आँखों से अश्क, ज़िंदगी से गम सब दर्द जुदा हुए हैं
भुला दी है दुनिया... आप दिल, आप धड़कन, आप ही खुदा हुए हैं-
खुशियाँ सारी अधूरी हैं तुम बिन, चाहे चाँद तारे भर झोली में ला दें
फीकी है तुम बिन ये दुनिया, चाहे जमाने भर के रंग इसमें बिखरा दें-
मेरी जान, मेरे हर सवाल का जवाब हो तुम
हर पल जीना चाहूँ जिसे, हसीन ख्वाब हो तुम
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तुम्हारे ख्वाबों ने देहलीज़ में दस्तक दी है
फिर दिल धड़क रहा है ज़ोरों से
सिराहने रखी किताब के फूल की खुशबु से
फ़िर महक उठा है बेजान सा कमरा
हवाएं फ़िर तुम्हारा नाम गुनगुना रही है
चले आओ पास हमारे मुझे बुला रही हैं
बारिश की बूँदों में भी हल्की सरगम सी है
सुकून है दिल में, थोड़ी आँखें भी नम सी हैं
खिड़की से आती रौशनी मैं अक्ष तुम्हारा है
जिस ख्वाब में तुम आओ वो ख्वाब सबसे प्यारा है
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तेरे जिक्र बिना लफ़्ज़ नहीं, बिन तेरे हर पल बस तन्हाई है
जीना भी आया नहीं तेरे बिना, ना बिन तेरे मौत ही आई है-