शायद
शायद तुम कभी मेरे प्यार को समझने की कोशिश करते
शायद तुम कभी ये एहसास करते की तुम जान से भी प्यारे थे
शायद तुम कभी मुझे भी अपनी जान बनाकर यूं ही अपना लेते
सिर्फ वफाई ही तो मांगी थी मेरी जान से छोटी ही चीज थी
बोहोत पछताओगे तुम जब सब तुम्हारे सामने होगा हाथ तुम्हारे खुले होंगे और तुम्हारे सामने सब कुछ खत्म हों चुका होगा
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