𝑲𝒓𝒊𝒕𝒊 𝑴𝒊𝒔𝒉𝒓𝒂✔   (The Observer)
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Just a small start....
To find my worth...
Joined 10 October 2020


Just a small start....
To find my worth...
Joined 10 October 2020

इक व्यक्ति का बचपन उन खास लम्हो से होता है, जिसमे वह जीवन को बिना किसी चिंता में व्यतीत करता है।मां की गोद, पिता का कंधा और सुबह शाम खेलना ऐसा होता है बचपन।पर कैसा होता होगा उनका जीवन जिन्हे जन्म लेते ही त्याग दिया गया हो या ईश्वर ने ही उससे उसका संसार उसके माता पीता को छीन लिया हो, आखिर कैसा होता होगा उनका बचपन....

ऐसा मेरा बचपन था
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न पैरों में चप्पल थी,
न थे तन पर कपड़े,
इधर उधर भटकता था,
ऐसा मेरा बचपन था।

सड़को के कोनो पर बैठा,
आंसू लिए सिसकता था,
न था सर पर कोई आंचल,
ऐसा मेरा बचपन था।

न थी कोई करुणामयी आंखें,
जिसने मुझे देखा होगा,
बस धुतकारा मैं जाता था,
ऐसा मेरा बचपन था।

पेट पालने को अपना,
गाड़ियो के पीछे भागता था,
रातों को पेड़ के नीचे सोता,
ऐसा मेरा बचपन था।

न माँ की कोई ममता थी,
न था पिता का सहारा,
जब-जब भी सड़को पर गिरा,
खुद ही उठकर आया था।
न किसी ने हाथ बढ़ाया था,
न किसी ने राह दिखायी थी,
क्या जानूँ क्या होता बचपन,
मेरा बचपन तो ऐसा था।

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Enjoy it because Noone stays longer with you

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All time hangout,chill ,love and all





Know your responsibilities towards your parents towards your country and towards yourself

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At the edge of midnight,
Sharing all of our sadness and happiness to each other and next day go back to our responsibilities

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Mummy's faith in me❤️

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मैं जानती हूँ कि तुम्हें मेरे जिस्म की खूशबू बेहद पंसद हैं,
मगर......
मुझसे इश्क करने के लिए तुम्हें मेरे रूह की तलब होनी चाहिए🖤....

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How others pain can be determined

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Who teaches you that which relation should stay or which not

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एक लड़का है अपनी जिंदगी से हारकर बस के कोने मे बैठा सोचता है कि आखिर क्या करे वो की घर मे,उसके जीवन मे सबकुछ ठीक हो जाए. वो मन ही मन कहता है कि.....
आखिर क्या करूं मैं कि मेरी जिंदगी थोड़ी सुधर जाए,कुछ भी अच्छा करने की कोशिश करता हूँ पर कुछ ख़ास होता नहीं. जब भी चाहता हूँ किसीको कुछ बताने का मज़ाक उड़ाने के डर से चुप हों जाता हूँ. किसी पे भरोसा भी नहीं कर पाता हूँ अब तो हर दफ़ा किसी न किसी मोड़ पर हर किसी ने मेरे भरोसे का गला घोंटा है. मैंने तों कभी नहीं चाहा किसी के हृदय कों ठेस पहुचाने की पर फ़िर भी कोई न कोई खफा ही रहता है. जब भी निराशा अधिक हो जाती है तो सोचता हूँ कि दोस्त ही है एक सहारा कुछ देर उनसे बातें कर लूँ पर वो भी मेरी ही बुराइयाँ बताकर चुप करा देते है.
और पिताजी की आशाओं को कैसे पूरा करू,ऐसा क्या करू की उनको मुझपर गर्व हो,मुझसे उनका बातें ना करना मुझसे सहा नहीं जाता,मुझे आवारा या अपने मन का कह देना अच्छा नहीं लगता,मै चाहता हूँ कि जैसे वो छोटी बहन को मना करते है वैसे मुझे भी कहे पूरे अधिकार से...
इतना सब उसके मन मे ही चलता रहता है कि अचानक से कन्डक्टर बोल पड़ता है...
ऐ भाई उठोगे कि सोचते ही रहोगे
ख़तम हुआ तुम्हारा सफर...........
पर सफर तो अभी बाकी है न यारों😊🖤

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Bdi sahuliyat se zindagi guzar rhi thi
Wo mila to usne Jeena sikhaya
Phir bdi shiddat se Jeene ka ahsaas mila
Wo gya to bina ahsaas ke Jeena sikhaya

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