थोड़ी मनमानियां, कुछ शैतानियां,
संग की हैं हमनें,
मां की डांट, पिता की लाड़,
संग जी हैं हमनें।
मिठाईयों की खुशी
तो कभी लौकी के गम में,
साथ रहे हैं दोनों
हर मौसम में।
चॉकलेट टॉफी की लड़ाई हो,
चाहे जानवरों जैसी हाथापाई हो,
या एक दूसरे की सुताई हो,
सब की हैं हमनें।
कभी दरवाज़े के पीछे छिप के डराते,
कभी झूठ-मूठ की कहानियां बनाते,
तो कभी मगरमच्छ के आसूं बहाते,
किस्से कई थे हमारे बचपन में।
ऐसे ही लड़ते झगड़ते,
एक दूसरे के पीछे दौड़ते,
दिन गुज़र गए,
और बदल गया आज बीते हुए कल में।
उम्र बढ़ गई हमारी, HAPPY
और बढ़ गए तुम कद में, BIRTHDAY
पर चाहे जितना भी बढ़ लो, BROTHER!!
रहोगे मुझसे छोटे ही हर सूरत में।
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