झलक उनकी अब ढूंढते नहीं,
वो जो मिल जातें है चंद मीठे अल्फ़ाज़ में,
दूरियों का सबब भी लाज़मी हैं,
क्योंकि लौटी है कहानियां एक नए अंदाज़ में।— % &-
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मुतअस्सिर हैं जो तबाही के मंज़र से,
वो आंधियों के आने पर सिसका नहीं करते!!-
तिनकों में कट रही हैं ज़िंदगी,
रुख़ बदले तो रिमझिम बरसात होगी।
कल हार कर रूठे ज़रूर थे,
दिन बदला है, तो अब नई शुरुआत होगी।-
'About me' का column,
हर जगह खाली रह जाता है,
पर optimistic approach मेरा,
दुसरे को motivation दिलाता है।
Wanted to know why ?? 🤔
Then, read the whole poem-
"UPSC & Me" in Caption
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यादें सारी एक दिन फ़ना हो जाएँगी!
खामोशियों के बीच दफ़न नज़र आएंगी।
एहसासों के कहर से वाक़िफ़ रहना मेरे दोस्त,
ये बिना बात, वही कहानियाँ दोहराएंगी।-
ये यादें ज़िन्दगी का हिस्सा है,
या ज़िन्दगी, यादों का सिलसिला है?
महफूज़ रखने का ख्याल कर रहे थे कल जिन्हें,
आज़ वो यादों का बस एक किस्सा हैं...!!-
वही गलियां, वही दिन,
पर अरसों का फासला है!
बरसों बाद लौटे हैं जहां,
वहाँ यादें, अभी भी ताज़ा है।-
बात लबों तक आकर भी ख़ामोश रह जाती है!
ये तुम्हारी आंखे, जो मेरे मन को मोम सा पिघलाती हैं,
मेरे दिल को ये कुछ इस तरह देहलाती हैं।
कहने को तुमसे तो बातें आज भी हज़ारों हैं,
पर तुम्हारी बेरुखी, जेहन में आते ही,
बातें सब वीरानी में गुम हो जाती हैं।
सुनो, तुमने तो अपनी बात कह दी, इशारों में,
पर ये खामोश रातें मुझे अब भी याद दिलाती हैं,
कि कहने को अभी भी कोई बात बाकी है...!!-
मेरे किरदार की हद तुम क्या जान पाओगे,
किस्सा तुम्हारा होगा, नाम सब मेरा दोहराएंगे।-
हर वक्त ख़ामोशी मुनासिब नहीं मुरशिद!
कभी जीत दिलाती है,
तो कभी हार का पैग़ाम बन जाती हैं!!-