Kriti Choubey  
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Joined 30 January 2021


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8 FEB 2022 AT 0:07

झलक उनकी अब ढूंढते नहीं,
वो जो मिल जातें है चंद मीठे अल्फ़ाज़ में,
दूरियों का सबब भी लाज़मी हैं,
क्योंकि लौटी है कहानियां एक नए अंदाज़ में।— % &

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20 JAN 2022 AT 18:35

मुतअस्सिर हैं जो तबाही के मंज़र से,
वो आंधियों के आने पर सिसका नहीं करते!!

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17 JAN 2022 AT 17:30

तिनकों में कट रही हैं ज़िंदगी,
रुख़ बदले तो रिमझिम बरसात होगी।
कल हार कर रूठे ज़रूर थे,
दिन बदला है, तो अब नई शुरुआत होगी।

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16 JAN 2022 AT 5:37

यादें सारी एक दिन फ़ना हो जाएँगी!
खामोशियों के बीच दफ़न नज़र आएंगी।
एहसासों के कहर से वाक़िफ़ रहना मेरे दोस्त,
ये बिना बात, वही कहानियाँ दोहराएंगी।

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12 JAN 2022 AT 16:36

ये यादें ज़िन्दगी का हिस्सा है,
या ज़िन्दगी, यादों का सिलसिला है?
महफूज़ रखने का ख्याल कर रहे थे कल जिन्हें,
आज़ वो यादों का बस एक किस्सा हैं...!!

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30 DEC 2021 AT 16:23

वही गलियां, वही दिन,
पर अरसों का फासला है!
बरसों बाद लौटे हैं जहां,
वहाँ यादें, अभी भी ताज़ा है।

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16 DEC 2021 AT 20:54

बात लबों तक आकर भी ख़ामोश रह जाती है!
ये तुम्हारी आंखे, जो मेरे मन को मोम सा पिघलाती हैं,
मेरे दिल को ये कुछ इस तरह देहलाती हैं।

कहने को तुमसे तो बातें आज भी हज़ारों हैं,
पर तुम्हारी बेरुखी, जेहन में आते ही,
बातें सब वीरानी में गुम हो जाती हैं।

सुनो, तुमने तो अपनी बात कह दी, इशारों में,
पर ये खामोश रातें मुझे अब भी याद दिलाती हैं,
कि कहने को अभी भी कोई बात बाकी है...!!

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14 DEC 2021 AT 22:00

मेरे किरदार की हद तुम क्या जान पाओगे,
किस्सा तुम्हारा होगा, नाम सब मेरा दोहराएंगे।

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13 DEC 2021 AT 16:17

हर वक्त ख़ामोशी मुनासिब नहीं मुरशिद!
कभी जीत दिलाती है,
तो कभी हार का पैग़ाम बन जाती हैं!!

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9 DEC 2021 AT 23:20


take the first exit from my horizon.

Yours truly,
Kriti Choubey

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