Kritesh Soni   (KRITऐश)
329 Followers · 16 Following

read more
Joined 3 June 2018


read more
Joined 3 June 2018
28 FEB 2021 AT 17:30

ख़ामख़ाह शरमा रहे हैं, आप बात क्यूँ नही बढ़ाते
शक्लों सूरत तो अच्छी है, आँख क्यूँ नहीं लड़ाते

-


28 FEB 2021 AT 17:22

दिसम्ब की सर्द रात ओर तेरे इश्क़ से आनाकानी
मुझे तो चलो ठंड लगेगी पर तुमको पाप लगेगा रानी

-


13 FEB 2021 AT 0:18

13 Feb

तकीये को अनदेखा कर
वो मेरे कंधे पर आराम फरमाती थी।
☺️😍🤗
ᚲᚱᛁᛏᛁᛋᚺᚨ

-


17 DEC 2020 AT 21:46

तेरी साड़ी में उलझी हो चाबियाँ मेरे घर की बस
यही एक सपना मेने कई बार देखा है।❤️😍😍

-


20 SEP 2020 AT 18:43

तू ठहरी हैं मेरे होंठ पे
में हमेशा तेरे लिए दुआ करता हूँ।

-


16 SEP 2020 AT 22:55

सबको अपनी-अपनी पड़ी थीं।
एक में ही था यहाँ ,जिसे सब की पड़ी थी।

-


16 SEP 2020 AT 22:45

हर रोज लिखता हूँ, हर बात लिखता हूँ।
जो तुझ से कह ना सका, वो जज्बात लिखता हूँ।

-


16 SEP 2020 AT 22:36

तुमको यूँ चाँद से मवाजना, ना इंसाफी सा होगा।
तुम ठहरी कायनात सी, चाँद तुम्हारा टुकड़ा होगा|

-


16 SEP 2020 AT 22:27

बहुत शिकायत कर रहे हैं,
मेरे घर वाले मुझ से
में सोते हुए भी तेरा नाम लेता हूँ।
😍😘😘😘🤗

-


4 AUG 2020 AT 12:04

मेरी वाली पेर के काले धागे से नही
आँखों के लाइनर से कहर बरसाती है
😍😉😉😉😉😉

-


Fetching Kritesh Soni Quotes