स्लामिक-आतंकी ने उसे बेरहमी से गोली मारी, इसलिए नहीं कि वह ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य या एससी था। उन्होंने उसे उसकी नवविवाहित पत्नी के सामने बिल्कुल नजदीक से गोली मारी, इसलिए नहीं कि वह कन्नड़, तमिल, हिंदी, उड़िया या बंगाली बोलता था। उन्हें इस बात की परवाह नहीं थी कि वह भाजपा का वोटर है, कांग्रेस का वोटर है या सपा का। उन्हें इस बात की परवाह नहीं थी कि वह एक गर्वित हिंद है या कम्युनिस्ट या एक 'गर्वित धर्मनिरपेक्ष" जो अमन को तमाशा मानता है। उन्होंने इस नर्दोष व्यक्ति को सिर्फ डसलिए मार डाला क्योंकि वह हिंदू पैदा हुआ थाऔर उनके लिए वह काफिर था!आखिरकार, यही एकमात्र सच्चाई है।
अब समय आ गया है कि हम अपनी सहनशीलता के स्तर को कम करे..इस
जेहादी सोच से इजरायल के सिद्धांत के साथ ही निपट सकते हैं⚔️-
भक्तों शाँति रखो ! धमाका जरूर होगा और दुनिया देखते रह जाएगी ! चमचों और जयचंदों को भी पता चल जायेगा !
जिस युद्ध को लड़ना होता है,
उसकी चर्चा न करना युद्ध का पहला नियम है
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एक विदेशी महिला की कोख से जन्मी संतान कभी भारतवर्ष के हित में ना बोल सकती है ,ना सोच सकती है ना कर सकती है ! यह जब जब विदेश में जाता है हमेशा भारत विरोधी भाषा बोलता है ! इस को खुद की नागरिकता बताने मैं डर लगता है ! खुद की जाती धर्म का पता नहीं है ! हमेशा देश को तोड़ने की बात करता है ! इन के खानदानी सडयंत्रो का परिणाम भारत अभी भी भुगत रहा है और जब तक इन के कुकर्मों को नही सुधारा जाता है तब तक भारत विरोधी गतिविधियों मैं ये हमेशा देश के विरूद्ध खड़े दिखाई देंगे !
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आज हमारे देश में शिक्षा एक बिजनेस बन गया है जिसमे हर वर्ष स्कूल कॉलेज फीस बढ़ाते जाओ और पढ़ाई टयूशन पर कराते जाओ
भारत देश में देश विदेश से विद्यार्जन के लिए विद्यार्थी आते थे लेकिन इस व्यापार ने आज भारत को कई वर्षो पीछे धकेल दिया है शासकीय विद्यालयों में सभी शासकीय कर्मचारियों के बच्चों को पढ़ाना अनिवार्य करना चाहिए चाहे वह प्यून (भ्रत्य ) का बच्चा हो या कलेक्टर (जिलाधीश) का जिससे सामाजिक असमानता भी दूर होगी साथ ही साथ सभी शासकीय शिक्षक जी जान लगा देंगे और आम आदमी के बच्चों को भी Quality Education प्राप्त हो सकती हैं-
भारत में 15 लाख स्कूल, 85 लाख टीचर्स और 25 करोड़ छात्र हैं। यह दुनिया के सबसे बड़े स्कूल सिस्टम्स में से एक है, लेकिन अब सवाल ये उठने लगे हैं कि इस शिक्षा प्रणाली से स्किल डेवलप हो रहे हैं या नहीं।
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किसी भी देश को बदलने का यही सबसे आसान तरीका है। अगर आप छात्रों के सोचने का तरीका बदलते हैं तो यही छात्र आगे जाकर देश का जिम्मेदार और प्रोडक्टिव नागरिक बनता है।
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अगर एक देश को बदलना हो तो सबसे पहले प्राथमिक स्तर की स्कूलिंग में बदलाव जरूरी हैं। क्योंकि स्कूल में ही एक पीढ़ी की नींव तैयार होती है, स्कूल ही विचारों के इन्क्यूबेशन सेंटर होते हैं जहां नए आइडिया पनपते हैं। जिस दिन आप अपने देश के स्कूलों में बदलाव शुरू करते हैं, उसी दिन से आपका पूरा देश बदलने लगता है।
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भारत की प्रतिक्रिया
UN में इजराइल-फिलीस्तीन जंग पर चर्चा के दौरान भारत के स्थायी प्रतिनिधी टीएस तिरुमूर्ति ने कहा- गाजा से इजराइल के रिहायशी इलाकों पर रॉकेट दागे गए। हम इसकी निंदा करते हैं। बाद में गाजा पर जवाबी कार्रवाई हुई। इससे बहुत नुकसान हुआ। महिलाओं और बच्चों की भी मौत हुई। हम इसकी भी निंदा करते हैं। इस जंग में हमने इजराइल में रहने वाली अपनी एक नागरिक को खोया है।-
भारत में बैठे हमास के हमदर्दियों को बता दूँ
भारत ने पोख़रन परीक्षण किया तब दुनिया ने भारत से मुँह मोड़ लिया था और इस्लामिक देश भी दुर हो गये थे लेकिन तब हमारे साथ इज़रायल खडा था-
शिक्ष एक वो शक्तिशाली हथियार है जिस का प्रयोग कर के आप दुनिया में परिवर्तन ला सकते हो
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